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जिस तरह से Share Market एक्सचेंजों पर कंपनियां लिस्ट होती हैं, उसी तरह से उन्हें डीलिस्ट भी किया जाता है.
जब कोई कंपनी Share Market से डीलिस्ट होती है तो उसके शेयरों का प्राइस तय करने के लिए रिवर्स बुक बिल्डिंग प्रक्रिया अपनाई जाती है.
डीलिस्टिंग एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें किसी लिस्टेड कंपनी के शेयर को स्टॉक एक्सचेंजों से हटाया जाता है.
शुरुआती एक घंटे में निफ्टी में 100 से ज्यादा, सेंसेक्स में करीब 400 और बैंक निफ्टी में करीब 300 अंकों की गिरावट रही.
आज के एपिसोड में हम बात करेंगे Zee Ent, Jet Airways, Hero Moto, Sintex Ind, Future Retail, RPower, Adani Power, Sun Pharma और Max Group की.
कुछ ही मिनटों में सारी बढ़त गवाने के बाद 17,200 के स्तर पर मंदड़ियों और तेजड़ियों में जमकर रस्साकसी हुई.
किसी कमोडिटी की कीमत उसकी बाजार में डिमांड पर निर्भर करती है. इस मांग पर ही किसी कमोडिटी एक्सचेंज पर बिकने वाले कमोडिटीज की सप्लाई भी टिकी होती है.
इन्वेस्टमेंट के मामले में बहुत लोग सीधे कॉन्सेप्ट पर चलते हैं. उनके पोर्टफोलियो में FD, म्यूचुअल फंड, PPF और स्टॉक्स होते हैं.
कंज्यूमर गुड्स वह प्रोडक्ट होते हैं जो एक सामान्य कंज्यूमर या ग्राहक अपनी रोजमर्रा की जिंदगी में इस्तेमाल के लिए खरीदता है.
किसी कंपनी का मार्केट शेयर यानी बाजार हिस्सेदारी क्या होती है? इसे समझना किसी आम निवेशक के लिए क्यों अहम है और इसे किस तरह से कैलकुलेट किया जाता है