मुसीबत कभी बताकर नहीं आती, कुछ ऐसा ही जयपुर के विरल के साथ हुआ. अचानक से उन्हें पैसों की जरूरत पड़ गई, खुद की जोड़ी कोई पूंजी उनके पास है नहीं और दोस्त या रिश्तेदार से वो पैसा लेना चाहते नहीं. ऐसे में उनके पास दो रास्ते हैं, पर्सनल लोन और क्रेडिट कार्ड. अचानक पैसों की जरूरत आन पड़ने पर दोनों में से आपको किसे चुनना है? ये कुछ पहलुओं पर निर्भर करता है. आइए उनके बारे में जानते हैं.
पर्सनल लोन एक अनसिक्योर्ड लोन है, जिसके लिए कोलैटरल यानी किसी तरह की एसेट गिरवी रखने की जरूरत नहीं होती है. वहीं, दूसरी ओर क्रेडिट कार्ड प्री-अप्रूव्ड क्रेडिट लिमिट देता है, जिसका आप जब चाहें तब कर्ज के तौर पर इस्तेमाल कर सकते हैं. पर्सनल लोन या क्रेडिट कार्ड में से क्या इस्तेमाल करना सही है, ये इस बात पर निर्भर करेगा कि आपको कितनी जल्दी पैसे चाहिए. अगर आपको अर्जेंट फ्लाइट टिकट, मेडिकल बिल या रूम रेंट के पेमेंट जैसे काम हैं जिनके लिए तुरंत पैसा देने होते हैं, ऐसे में क्रेडिट कार्ड काम आ सकता है. ऐसे मामलों में आपके पास इतना समय नहीं होता है कि आप पर्सनल लोन मिलने का इंतजार कर सकें.
दूसरी बड़ी चीज है, आपको कितने पैसों की जरूरत है? अगर आपको बड़े अमाउंट, मान लीजिए 2-3 लाख रुपए की जरूरत है, और आपको पता है कि इतने पैसे आप एकसाथ नहीं दे सकते हैं. तो पर्सनल लोन ले सकते हैं. हालांकि, अगर छोटी रकम की जरूरत है और आप इस रकम को एक या दो महीने के भीतर भर सकते हैं तो क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल ज्यादा ठीक रहेगा.
पर्सनल लोन या क्रेडिट कार्ड में से किसका इस्तेमाल करना है, इस बात का फैसला करने में इंटरेस्ट रेट यानी ब्याज दर की बड़ी भूमिका है. पर्सनल लोन की ब्याज दर क्रेडिट कार्ड की तुलना में काफी कम होती है. आमतौर पर पर्सनल लोन 11 से 18 फीसदी पर मिल जाता है. जो आपके क्रेडिट स्कोर पर निर्भर करेगा. जबकि क्रेडिट कार्ड 35-40 फीसदी, और कई मामलों में उससे भी ज्यादा चार्ज करते हैं.
क्रेडिट कार्ड आपको अधिकतम 45 दिन तक का इंटरेस्ट-फ्री पीरियड देते हैं. अगर आप इस पीरियड में उधार लिए पैसे चुका नहीं पाते हैं. तो क्रेडिट कार्ड बहुत महंगा पड़ सकता है. क्योंकि इसमें हर महीने 3 से 4 फीसदी का ब्याज वसूला जाता है. ऐसे में क्रेडिट कार्ड से पैसे खर्च करने से पहले ये जरूर कंफर्म कर लें कि अगली ड्यू डेट तक पूरा पैसा चुका देंगे. वहीं, पर्सनल लोन चुकाने के लिए आपको 5 साल तक का समय मिल जाता है.
यही नहीं, अगर आप क्रेडिट कार्ड का बहुत ज्यादा इस्तेमाल करते हैं और उस चक्कर में आपके क्रेडिट कार्ड का बकाया काफी ज्यादा हो गया है तो पर्सनल लोन लेकर अपने क्रेडिट कार्ड के बकाए को खत्म कर सकते हैं. इसके दो कारण हैं, पहला, पर्सनल लोन की ब्याज दर कम है, जिससे आपका ब्याज का बोझ कम हो जाएगा, साथ ही एक बंधी-बंधाई EMI बन जाएगी. जिसे आप मनमाफिक चुने हुए वक्त में आराम से चुका सकते हैं.
विरल की तरह आप भी समझ लीजिए, पर्सनल लोन या क्रेडिट कार्ड, दोनों ही कर्ज हैं. ऐसे में उधार लेने से पहले सभी फैक्टर्स पर गौर करें. अगर कम पैसों की जरूरत, कम समय यानी कुछ हफ्तों के लिए है. तो क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल कर सकते हैं. लेकिन अगर पैसों की जरूरत बड़ी है और आपको यकीन है कि लोन के पैसे चुकाने में कुछ महीने या साल लग सकते हैं, तो पर्सनल लोन लेना सही है. सबसे जरूरी बात, चाहे क्रेडिट कार्ड हो या पर्सनल लोन, कभी भी गैर-जरूरी खर्च के लिए उधार न लें.
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