सब्जी, दाल, मसाले और खासकर अनाज की कीमतों में हो रही लगातार बढ़ोतरी से जुलाई में खुदरा महंगाई दर 6 फीसद से अधिक रहने की आशंका है. हालांकि आरबीआई ने खुदरा महंगाई दर के लिए 6 फीसद अधिकतम सीमा तय कर रखा है. पिछले चार महीनों से खुदरा महंगाई दर 6 फीसद से नीचे चल रही है. जून में खुदरा महंगाई दर 4.81 फीसद थी, लेकिन जुलाई के हालात कुछ और ही नजर आ रहे हैं. सरकार की तरफ से आगामी 14 अगस्त को जुलाई की खुदरा महंगाई दर का आंकड़ा जारी किया जाएगा. खुदरा महंगाई दर को लेकर एक्सपर्ट्स की राय है कि जुलाई में जिस तरह से खाद्य पदार्थों की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है, उससे से खुदरा महंगाई दर प्रभावित हो सकती है.
खुदरा महंगाई दर में हो सकती है बढ़ोतरी
दरअसल, खुदरा महंगाई दर को मापने में खाने पीने वाली वस्तुओं का वेटेज 47.25 फीसद का रहता है, जिसमें करीब 7.46 फीसद भागीदारी सब्जियों की है. इसके अलावा, गेहूं-चावल समेत सभी प्रकार के अनाज की हिस्सेदारी 12.35 फीसद और दाल की हिस्सेदारी 2.95 फीसद होती है. ऐसे में जिस तरह से प्याज, टमाटर और मसालों, और गेहूं की कीमत में बढ़ोतरी हो रही है उससे साफ है कि जुलाई का खुदरा महंगाई दर बढ़ने वाला है.
खराब मौसम ने किया बुरा हाल
मानसून के खराब मिजाज और अलनीनो के चलते देश ही नहीं दुनिया के कई हिस्सों में पैदावार प्रभावित हुई है. भारत में चंडीगढ़ सहित कई शहरों में टमाटर का रेट 300 रुपए किलो के पार पहुंच गया था. पिछले तीन महीनों के आंकड़े पर अगर नजर डालें तो टमाटर की कीमत में 1400 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई है. सब्जियों और अनाजों की खराब उपज के चलते खुदरा महंगाई दर बढ़ने की आशंका है, लेकिन आने वाले समय में सब्जियों और अनाजों की कीमत घटने से खुदरा महंगाई दर वापस नीचे आ सकती है.
क्या कहते हैं अर्थशास्त्री?
अर्थशास्त्रियों का कहना है कि बरसात शुरू होते ही टमाटर, आलू, प्याज और अनाजों की कीमतें बढ़ गईं. ताजा रिपोर्ट के मुताबिक 22 जरूरी खाद्य वस्तुओं की कीमतों में करीब 12.3 फीसद की बढ़ोतरी हुई है, जबकि जून महीने में इसमें औसतन 2.4 फीसद की ही बढ़ोतरी हुई थी. गेहूं की खुदरा कीमत भी 6 माह के उच्चतम स्तर पर है, दूसरी तरफ चावल के खुदरा दाम में भी बढ़ोतरी है. यही वजह है कि अर्थशास्त्रियों ने जुलाई में खुदरा महंगाई दर 6.5 से लेकर 6.7 फीसद के बीच रहने का अनुमान लगाया है.