पेंटिंग या रंगाई-पुताई कंस्ट्रक्शन का सबसे आखिरी पड़ाव है. यह घर को अच्छा लुक देने के साथ मौसम (Weather ) से सुरक्षा करता है. पेंटिंग हमेशा हमारी व्यक्तिगत पसंद पर निर्भर करती है क्योंकि इन कलर्स का सीधा असर हमारे मूड और इमोशंस पर पड़ता है. इसीलिए सही पेंट का सेलेक्शन और उसे करने के सही तरीकों के बारे में पता होना जरूरी है.
पेंट कराने से पहले उसकी प्लानिंग जरूरी है क्योंकि इसमें कई तरह के खर्च होते हैं, जैसे- पेंट, पुट्टी, प्लास्टर ऑफ पेरिस (POP) और लेबर कॉस्ट. घर के कितने हिस्से में पेंट कराना है, कौन-से टाइप का पेंट कराना है ये चेक करें क्योंकि स्पेस के हिसाब से ही मटेरियल, लेबर और टाइम का एस्टिमेट लगेगा तब ही असल खर्च का पता चलेगा.
कैसे चुनें पेंट? भारत में क्लाइमेट कंडीशन काफी अलग-अलग हैं. ऐसे में जरूरी है कि अपने इलाके के मौसम के हिसाब से पेंट चुनें. बाजार में कई तरह के पेंट उपलब्ध हैं. इनमें वाइट वॉश, डिस्टैम्पर पेंट, ऑयल पेंट, सीमेंट पेंट, इमल्शन पेंट, इनेमल पेंट और लस्टर पेंट प्रमुख हैं.
सबसे सस्ता तरीका व्हाइट वॉश, रंगाई-पुताई का पुराना और सबसे सस्ता तरीका है. इसमें चूने का इस्तेमाल होता है. हालांकि, इसकी फिनिशिंग स्मूथ नहीं है. साथ ही, ये ज्यादा टिकाऊ नहीं है और दाग-धब्बे आने के बाद इन्हें छुड़ाना बहुत मुश्किल है. बाहरी दीवार वाले पेंट यानी एक्सटीरियर पेंट बाहर से घर की खूबसूरती बढ़ाने के साथ बारिश, तूफान और धूप भी झेलते हैं. बाहरी दीवारों में सीमेंट पेंट या इमल्शन पेंट का इस्तेमाल करें. इमल्शन पेंट दीवारों पर लंबा टिकता है, तेजी से सूखता है और हर मौसम झेल लेता है. बजट कम होने पर सीमेंट पेंट या व्हाइट वॉश करा सकते हैं. मौजूदा समय में कई कंपनियां के अलग-अलग तरह के एक्सटीरियर पेंट आपको बाजार में मिल जाएंगे.
पेंट से पहले क्या करें? पेंट करने से पहले दीवारों को अच्छे से साफ करवा लें ताकि धूल-मिट्टी हट जाए. दीवारों में सीलन की जांच कर लें. इसे खत्म करने के उपाय करें. पेंट से पहले दीवारों में कोई पपड़ी या ऊंचा-नीचा तो नहीं है जरूर चेक करें. उसे पुट्टी कराकर बराबर करा लें. वरना कितना भी महंगा पेंट हो फिनिशिंग स्मूथ नहीं आएगी और कुछ समय बाद पेंट में दरार या पपड़ी पड़ने लगेगी.
कहां कौन सा पेंट कराएं? इंटीरियर यानी अंदर की दीवारों में हमेशा वॉशेबल पेंट लगाएं… ये दीवारों की खूबसूरती बरकरार रखते हैं क्योंकि इनमें दाग-धब्बों को आसानी से साफ किया जा सकता है. इससे बार-बार पेंट कराने का खर्च बचता है. कमरे की दीवारों के लिए ऑयल पेंट, प्लास्टिक पेंट या इमल्शन पेंट करवा सकते हैं. ग्लॉसी और प्रीमियम लुक के लिए इनेमल और लस्टर पेंट यूज कर सकते हैं, लेकिन ये थोड़े महंगे पड़ते हैं. बजट कम होने पर डिस्टैम्पर यूज कर सकते हैं.
छोटे कमरों में लाइट कलर कलर सेलेक्शन में कमरे का साइज काफी मायने रखता है. छोटे कमरे में डार्क की जगह लाइट कलर का पेंट लगाएं. इससे कमरा बड़ा नजर आता है. थोक में पेंट खरीदने से पहले सैंपल लें और घर की लाइटिंग के हिसाब से देखें कि वो कलर घर में फिट बैठ रहा है या नहीं. कलर सेलेक्शन के साथ पर्याप्त लाइटिंग की व्यवस्था रखें ताकि खूबसूरती निखरकर सामने आए. फर्नीचर, वॉडरोब, फ्लोर टाइल्स को ध्यान में रखकर पेंट का कलर चुनें.
क्या कहते हैं एक्सपर्ट? सिविल इंजीनियर्स के मुताबिक, इंटीरियर के लिए पेंट खरीदते समय देखें कि उसमें लेड, कैडमियम जैसे केमिकल कंपाउंड कम से कम हो. ये केमिकल सांस के जरिए शरीर में जाते हैं और हेल्थ खराब करते हैं. इनसे कैंसर, टीबी जैसी बीमारियां हो सकती हैं. डिब्बे पर लिखी होती है केमिकल की जानकारी. कमरों में पेंट की जगह वॉलपेपर का इस्तेमाल इन दिनों खूब बढ़ा है. इनकी कॉस्टिंग कम है और जब चाहे तब बदलने की आजादी है. किसी एक दीवार को हाईलाइट करने के लिए टेक्सचर पेंट यूज करें. यह काफी प्रीमियम लुक देते हैं. हालांकि, इनकी कीमत नॉर्मल पेंट से काफी ज्यादा है. बजट कम होने पर टेक्सचर पेंट की जगह सीमेंट पेंट इस्तेमाल कर सकते हैं.
और क्या करें? घर में पेंट कराते समय अगर आप इन बातों का ख्याल रखेंगे तो आपका पेंट लंबा चलेगा और खर्च बचेगा. कुछ और टिप्स भी हैं, जिनका आपको ध्यान रखना है. पेंट ज्यादा समय चले और फिनिशिंग अच्छी हो इसके लिए अनुभवी कॉन्ट्रैक्टर चुनें. उसके पहले के कामों को देखें. अच्छी फिनिश के लिए ब्रश की जगह रोलर इस्तेमाल करें. प्लास्टर पूरी तरह सूख जाने के बाद ही पेंट करवाएं वरना पेंट में दरारें पड़ने लगेंगी.
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