देश में सार्वजनिक क्षेत्र का सबसे बड़ा बैंक एसबीआई (SBI) चालू वित्त वर्ष में रुपए में बॉन्ड (SBI Bond) जारी करेगा. बैंक अतिरिक्त टियर-1 बॉन्ड की बिक्री के साथ इन निर्गमों को शुरू करेगा. इसके तहत बॉन्ड की बिक्री 10,000 करोड़ रुपए तक हो सकती है. इसमें 3,000 करोड़ रुपए का बेस साइज़ और 7,000 करोड़ का ग्रीन शू विकल्प शामिल है. इस तरह बैंक मसाला बॉन्ड के जरिए 10,000 करोड़ रुपए जुटाने की तैयारी कर रहा है. इससे पहले अप्रैल 2023 में भी एसबीआई ने विदेश में बॉन्ड जारी करके 75 करोड़ डॉलर जुटाए थे.
एसबीआई को वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान भारतीय या विदेशी निवेशकों को प्राइवेट प्लेसमेंट के जरिए बॉन्ड जारी करने की अनुमति मिल गई है. लेकिन, यह मंजूरी सरकार के अधीन होगी. इसमें लंबी अवधि के बॉन्ड्स, बेसेल-3 कम्प्लाइंट एडिशनल टियर-1 बॉन्ड या बेसेल-3 कम्प्लाइंट टियर-2 बॉन्ड्स शामिल हो सकते हैं. इससे पहले बैंक ने डेट इंस्ट्रुमेंट के जरिए 50,000 करोड़ रुपए (SBI Raise Fund) जुटाने की बात कही थी.
SBI के नेट प्रॉफिट में बंपर उछाल
एसबीआई का नेट प्रॉफिट मार्च तिमाही में लगभग 90 प्रतिशत की बढ़ोतरी के साथ 18,094 करोड़ रुपए था. देश के सबसे बड़े लेंडर को वित्त वर्ष 2022-23 में 50,232 करोड़ रुपए का नेट प्रॉफिट हुआ, जो वित्त वर्ष 2021-22 की तुलना में 59 फीसद ज्यादा था. बैंक की ब्याज से होने वाली आमदनी 20 प्रतिशत के उछाल के साथ 1.45 लाख करोड़ रुपए थी. एसबीआई के कैपिटल रेशियो में सुधार दिख रहा है. बेहतर प्लानिंग और अधिक दक्षता के साथ बैंक चालू वित्त वर्ष में ग्रोथ कैपिटल के लिहाज से बेहतर स्थिति में है.
क्या होता है मसाला बॉन्ड?
भारतीय कंपनियों (प्राइवेट और सरकारी दोनों) को आरबीआई और सरकार की तरफ से विदेशों से पूंजी जुटाने के लिए कई तरह के साधनों की अनुमति मिली हुई है. इन्हीं में से एक है मसाला बॉन्ड (Masala Bonds). यह एक एक कॉर्पोरेट बॉन्ड होता है जिसे अंतरराष्ट्रीय बाजार में जारी किया जाता है. यानी विदेशी पूंजी बाजार में निवेश के लिए भारत की तरफ से भारतीय रुपए में जारी किए जाने वाले बॉन्ड को मसाला बॉन्ड कहते हैं.