त्योहार खत्म होते ही रसोई की महंगाई फिर लौट आई है. गेहूं और आटे से लेकर खाने का तेल महंगा हो गया है. इस बार की महंगाई में सब्जियां भी शामिल हो गई हैं. सरकार की तरफ से जारी होने वाले महंगाई के आंकड़े आपको इसकी जानकारी दें. उससे पहले हमारी इस रिपोर्ट से आप जान जाएंगे कि क्या क्या महंगा हुआ है.
गेहूं को ही ले लीजिए, नवंबर के पहले 10 दिन में ही भाव 5 फीसद से ज्यादा बढ़ गया है. पहली नवंबर को दिल्ली में गेहूं का भाव 27 रुपए किलो के नीचे था और 10 नवंबर को यह 28 रुपए के ऊपर पहुंच गया. गेहूं महंगा होते देख आटे का भाव 6 फीसद से ज्यादा बढ़ गया. नवंबर की शुरुआत में 30 रुपए किलो मिलने वाला आटा अब 32 रुपए का मिल रहा है.
1 लीटर सरसों का तेल 185 रुपए तक पहुंचा
कुछ ऐसा ही हाल खाने के तेल का भी है. 10 दिन में एक लीटर पर भाव 3-4 रुपए महंगा हो गया है. नवंबर की शुरुआत में एक लीटर सरसों का तेल 181 रुपए में मिल रहा था और अब उसके लिए 185 रुपए चुकाने पड़ रहे हैं. इस दौरान सोया रिफाइंड का भाव 165 रुपए से बढ़कर 168 रुपए तक पहुंच गया है.
दिल्ली में प्याज का भाव 5 रुपए किलो बढ़ा
गेहूं और तेल की यह महंगाई सिर्फ रसोई तक ही सीमित नहीं रहेगी. महंगे तेल और गेहूं से स्नैक्स बनाने वाली कंपनियों का बजट बढ़ेगा और उस बढ़ी हुई लागत को वे कंपनियां ग्राहकों से ही वसूलेंगी. आटे और तेल के अलावा इस बार आलू और प्याज भी रसोई का बजट बढ़ा रहे हैं. दिल्ली में प्याज का भाव 5 रुपए किलो बढ़ गया है. पहली नवंबर को भाव 33 रुपए था जो 10 नवंबर को 38 रुपए हो गया. इस दौरान आलू भी 33 रुपए से बढ़कर 35 रुपए किलो तक पहुंच गया है.
2 महीने से खाद्य महंगाई में लगातार बढ़ोतरी
आटे, तेल और सब्जियों की यह महंगाई आने वाले दिनों में सरकार की तरफ से जारी होने वाले खाद्य महंगाई के आंकड़ों में दिख सकती है. 2 महीने से खाद्य महंगाई में लगातार बढ़ोतरी देखने को मिल रही है. जुलाई में खाद्य महंगाई की दर 7 फीसद से नीचे थी, जो सितंबर में 8 फीसद से ऊपर पहुंच गई है. और जैसे हालात हैं, उन्हें देखकर लग रहा है कि यह 9 फीसद के ऊपर भी पहुंच जाएगी.
सरकार के साथ रिजर्व बैंक की चुनौती भी बढ़ेगी
सरकार के रिटेल महंगाई आंकड़ों में खाद्य महंगाई की हिस्सेदारी करीब 46 फीसद होती है. ऐसे में खाद्य महंगाई बढ़ी तो रिटेल महंगाई का आंकड़ा भी बढ़ जाएगा. और ऐसी स्थिति में सरकार के साथ रिजर्व बैंक की चुनौती भी बढ़ेगी.