बढ़ते क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल डेबिट कार्ड के बाजार को नुकसान पहुंचा रहा है. क्रेडिट कार्ड की बढ़ती लोकप्रियता से डेबिट कार्ड के लेनदेन की मात्रा और मूल्य दोनों में गिरावट आ रही है. वित्त वर्ष 2022-23 के लिए RBI की भारतीय अर्थव्यवस्था पर हैंडबुक ऑफ स्टैटिस्टिक्स के आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2022-23 में क्रेडिट कार्ड का खर्च 47.4 फीसद बढ़कर 14.32 लाख करोड़ रुपए हो गया, जबकि डेबिट कार्ड खर्च गिरकर 7.19 लाख करोड़ रुपए हो गया है. वित्त वर्ष 2021-22 में डेबिट कार्ड से 7.30 लाख करोड़ रुपए खर्च किए गए थे.
सिर्फ वैल्यू ही नहीं बल्कि क्रेडिट कार्ड ट्रांजेक्शन वॉल्यूम में भी बढ़ोतरी हुई है. क्रेडिट कार्ड की लेनदेन की संख्या पिछले वित्त वर्ष के 224 करोड़ से बढ़कर 291 करोड़ हो गई है. वहीं डेबिट कार्ड की लेनदेन की संख्या 394 करोड़ से घटकर 342 करोड़ हो गई है.
कोविड ने कम की लोकप्रियता
वित्त वर्ष 2020-21 को छोड़कर, वित्त वर्ष 2018-19 के बाद से क्रेडिट कार्ड खर्च हर साल डेबिट कार्ड से अधिक रहा है. हालांकि वित्त वर्ष 2020-21 तक डेबिट और क्रेडिट कार्ड दोनों की मात्रा और लेनदेन के मूल्य में लगातार वृद्धि देखी जा रही थी. महामारी के दौरान खर्चों में कमी की वजह से लेनदेन और खर्च में गिरावट आई थी. कोविड के बाद, डेबिट कार्ड खर्च और लेनदेन में धीरे-धीरे गिरावट आ रही है, जबकि क्रेडिट कार्ड लेनदेन तेजी से बाजार हिस्सेदारी हासिल कर रहा है. क्रेडिट कार्ड पर मिलने वाले रिवार्ड्स और कैशबैक की वजह से कारण ग्राहकों के बीच इनका इस्तेमाल बढ़ रहा है.
तेजी से बढ़ रहे क्रेडिट कार्ड
मार्च 2023 तक 15.9 फीसद से ज्यादा उछाल के साथ क्रेडिट कार्ड की संख्या 8.5 करोड़ पर पहुंच गई. जुलाई के अंत में कुल क्रेडिट कार्ड 8.99 करोड़ थे, जिसमें हर महीने 9-12 लाख की रेंज में नेट कार्ड जोड़े गए. लगभग 1.5 साल से मंथली क्रेडिट कार्ड स्पेन्डिंग 1 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा बनी हुई है. जबकि जुलाई 2023 तक 97 करोड़ डेबिट कार्ड मौजूद थे, जिनमें 53,313 करोड़ रुपए के लेनदेन प्रोसेस किए जा रहे थे.
UPI का बढ़ा इस्तेमाल
डेबिट कार्ड से लेनदेन में कमी की वजह UPI का बढ़ता इस्तेमाल भी है. UPI आने के बाद ज्यादातर छोटे मूल्य के लेनदेन UPI के जरिए ही किए जा रहे हैं. पीयर-टू-पीयर (पी2पी) और पीयर-टू-मर्चेंट (पी2एम) लेनदेन के लिए यूपीआई के इस्तेमाल में वृद्धि के बाद, डेबिट कार्ड यूसेज में काफी गिरावट देखी गई है.