गरिमा को नया लैपटॉप लेना था. पूरे पैसे नहीं थे इसलिए पेमेंट किस्तों में करना चाहती थीं. लेकिन क्रेडिट कार्ड नहीं था तो समझ नहीं पा रही थीं कि खरीदारी कैसे करें? क्रेडिट कार्ड लेने के बारे में सोचने लगीं. अपनी दोस्त सुहानी से इस पर बात की तो सुहानी ने बताया कि वो डेबिट कार्ड से भी EMI में पेमेंट कर सकती हैं. सुनकर गरिमा खुश हो गईं, सोचने लगीं कि अब तो शॉपिंग भी हो जाएगी और पेमेंट भी किस्तों में. लेकिन डेबिट कार्ड पर मिलने वाली EMI की सुविधा का इस्तेमाल हर कोई नहीं कर सकता. इस सुविधा के इस्तेमाल के लिए गरिमा को पहले बैंक से संपर्क करना होगा.. इसके अलावा और भी कई पहलू हैं जिनके बारे में गरिमा को इस सुविधा के बारे में जानना चाहिए.
तो चलिए समझते हैं डेबिट कार्ड पर मिलने वाली EMI की सुविधा के बारे में..
कैसे काम करता है? बैंक अपने खाता धारकों को प्री-अप्रूव्ड ओवरड्राफ्ट फैसिलिटी के रूप में डेबिट कार्ड EMI सुविधा देता है. बैंक आपकी ओर से सेलर को पेमेंट करता है और एक बार में बिलिंग करने के बजाए आप अपने डेबिट कार्ड से लिंक्ड करंट या सेविंग्स अकाउंट के जरिए EMI में पेमेंट करते हैं. आप इस सुविधा का इस्तेमाल तब भी कर सकते हैं जब आपके बैंक खाते में फुल अमाउंट न हो.
इसे एक उदाहरण से समझते हैं. मान लेते हैं आप किसी ई-कॉमर्स साइट से 70 हजार रुपए की कीमत का एक लैपटॉप खरीदना चाहते हैं और 6 महीने के रिपेमेंट पीरियड के साथ डेबिट कार्ड EMI का ऑप्शन चुनते हैं. बैंक और मर्चेंट यानी उस साइट से मंजूरी मिलने के बाद आपके बैंक खाते में 70 हजार रुपए क्रेडिट हो जाएंगे.. इससे उस सेलर यानी साइट को सीधे पेमेंट किया जाएगा. अब ये 70 हजार रुपए और उससे लगने वाला इंटरेस्ट आपके बैंक खाते से सीधे 6 मंथली इंस्टॉलमेंट्स में बैंक को चुकता कर दिया जाएगा.
इस बारे में Finans Corporate Services के को-फाउंडर अमित कुमार तंवर कहते हैं कि बैंक आमतौर पर डेबिट कार्ड पर EMI की सुविधा चुनिंदा कस्टमर्स को ही देते हैं. ऐसा कस्टमर के सेविंग्स अकाउंट के इस्तेमाल से पता चलने वाली उसकी वित्तीय मजबूती के आधार पर किया जाता है. तंवर बताते हैं कि डेबिट कार्ड पर EMI असल में लोन की एक सुविधा है जो ऑनलाइन या ऑफलाइन मोड के जरिए खास ट्रांजैक्शन के लिए दी जाती है. मंजूरी मिलने के बाद रेगुलर इंटरवल पर बैंक खाते से EMI डेबिट होती है. इस सुविधा के इस्तेमाल के लिए सालाना 18 फीसद तक इंटरेस्ट भरना पड़ सकता है. आमतौर पर इस सुविधा के तहत 5 लाख रुपए तक की खरीदारी की जा सकती है. इस समय ज्यादातर बैंक चुनिंदा कस्टमर्स को ये सुविधा दे रहे हैं.
इस सुविधा के कुछ नफा-नुकसान हैं..
इस बारे में तंवर का कहना है कि इस सुविधा के तहत बिना कोई डॉक्यूमेंट जमा किए, आसानी से फंड का एक्सेस मिल जाता है. आप अपने खर्चें प्लान कर सकते हैं.. अगर कोई क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल नहीं करता और लोन नहीं लेना चाहता तो उसके लिए ये सुविधा काम की है.
दिक्कतों की बात करें तो क्रेडिट कार्ड और पर्सनल लोन की तुलना में ये एक महंगा लोन प्रोडक्ट है. जहां क्रेडिट कार्ड में 50 दिन तक का इंटरेस्ट फ्री पीरियड मिलता है और पर्सनल लोन करीब 11 फीसद इंटरेस्ट रेट पर उपलब्ध है, डेबिट कार्ड पर EMI की सुविधा का इस्तेमाल करने पर करीब 18 फीसद इंटरेस्ट भरना पड़ सकता है.
इसके अलावा ये सुविधा आपकी कुल बॉरोइंग कैपेसिटी यानी कर्ज लेने की क्षमता पर भी असर डालती है. ऐसा तब होता है जब आप डेबिट कार्ड पर खासकर 1 साल से ज्यादा समय के लिए EMI चुका रहे हैं और इसके साथ-साथ कोई नया लोन लेना चाहते हैं.
पर्सनल फाइनेंस पर ताजा अपडेट के लिए Money9 App डाउनलोड करें।