Economic Survey 2021: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आर्थिक सर्वेक्षण 2020-21 लोकसभा में पेश कर दिया है. इकोनॉमी सर्वे में देश की अर्थव्यवस्था की सेहत का अनुमान लगा है. सर्वे की बात करें तो मौजूदा वित्त वर्ष में देश की आर्थिक विकास दर (GDP) में -7.7 फीसदी रहने का अनुमान है. वहीं, वित्त वर्ष 2021-22 के लिए GDP ग्रोथ 11 फीसदी की तेजी के साथ रफ्तार पकड़ेगी.
4 दशक में सबसे कमजोर GDP Economic Survey में चालू वित्त वर्ष 2020-21 के लिए GDP ग्रोथ रेट -7.7 फीसदी रहने का अनुमान जताया गया है. अगर ऐसा होता है तो यह पिछले 42 साल में सबसे खराब डाटा होगा. वित्त वर्ष 1980 में GDP ग्रोथ में 5.2 फीसदी गिरावट रही थी, जो अबतक सबसे कमजोर रही है. कोविड-19 की वजह से आर्थिक गतिविधियों में रुकावटों के चलते मौजूदा वित्त वर्ष की अप्रैल-जून तिमाही में GDP ग्रोथ रेट -23.9 फीसदी रही थी. जुलाई-सितंबर तिमाही में GDP ग्रोथ रेट -7.5 फीसदी रही.
बाउंसबैक करेगी इकोनॉमी इकोनॉमिक सर्वे के मुताबिक, वित्त वर्ष 2021-22 में देश की अर्थव्यवस्था तेजी से बाउंसबैक करेगी. अगले फिस्कल ईयर में देश की रियल GDP ग्रोथ रेट 11 फीसदी रहने का अनुमान है. इंडियन इकोनॉमी कोरोना वायरस के प्रभाव से निकलकर जबरदस्त बाउंस बैक करने का अनुमान है.
जल्द आएगी ‘V’ शेप रिकवरी इकोनॉमिक सर्वे के मुताबिक, अगले वित्त वर्ष में देश की अर्थव्यवस्था में V शेप रिकवरी दिख रही है. रिकवरी में सबसे बड़ा रोल कंजम्पशन का रहेगा, जिसमें मजबूती दिखाई दे रही है. अगले वित्त वर्ष में नॉमिनल GDP 15.4 फीसदी रहने की उम्मीद है. वहीं, सर्वे वित्त वर्ष 2021-22 की पहली छमाही में Real GDP ग्रोथ रेट 14.2% रहने की उम्मीद जताई गई है.
और क्या रहा खास इस बार 1 फरवरी को बजट के पहले 31 जनवरी को रविवार होने के कारण आर्थिक सर्वेक्षण 29 जनवरी को संसद में पेश किया गया है. इसमें कहा गया है कि कोरोनावायरस संक्रमण का सबसे बुरा असर मैन्युफैक्चरिंग और कंस्ट्रक्शन पर पड़ा है. कृषि क्षेत्र से सबसे ज्यादा उम्मीदें हैं. सरकार के खर्च बढ़ाने और एक्सपोर्ट से ग्रोथ की गिरावट थमी है. फिस्कल ईयर 2021 के लिए कंबाइंड फिस्कल डेफेसिट टारगेट से ज्यादा रहने का अनुमान.
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