बेहतर टैक्स प्लानिंग के जरिए शेयर बाजार से मिलने वाले रिटर्न को बढ़ाया जा सकता है. तकनीकी भाषा में इसे टैक्स हार्वेस्टिंग कहते, कैसे करता है ये काम
बार-बार शेयर या म्यूचुअल फंड यूनिट बेचकर टैक्स बचा सकते हैं लेकिन इसकी लागत की गणना भी करना जरूरी है.
हवाई यात्रियों के लिए अच्छी खबर, जनवरी में क्या रहा सर्विस सेक्टर का हाल, सरकारी नौकरी का सपना क्यों नहीं होता पूरा, प्राइवेट नौकरियों में
सरकार जो डिजिटल करेंसी लांच करेगी वह कैसी होगी, उसका क्या फायदा होगा, डिजिटल करेंसी को लेकर आपके हर सवाल का जवाब आज के मनी सेंट्रल में मिलेगा.
शुभम शंखधर के सवाल और अंशुमान तिवारी के जवाब. कौन सा था वो बड़ा सुधार जिससे बजट में चूक गई सरकार? क्या कर्ज लेना महंगा होने वाला है?
यह हिसाब-किताब कैसे लगाया जाए कि बड़े-बड़े दावों और भारी आवंटनों से लदा बजट हमारी जिंदगी कितनी बदलेगा? जानिए मनी9 के इस वीडियो में-
रेलवे 100 रुपये कमाने के लिए करीब 99 रुपये खर्च करती है. यही रेलवे का ऑपरेटिंग रेश्यो है.
सरकार इस साल करीब 16 लाख करोड़ का कर्ज लेगी जिसमें से करीब 11 लाख करोड़ बाजार से बॉण्ड के जरिए जुटाए जाएंगे. बस इसी ने बिगाड़ दिया है बाजार का मूड.
कई लोगों को नई नौकरी की खुशी होती है लेकिन वे अपनी सैलरी स्लिप को लेकर जागरूक नहीं होते हैं.
टैक्स हार्वेस्टिंग के लिए केवल लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन की गणना कर लेना भर काफी नहीं है...आपको इस बात का भी ध्यान रखना होगा कि बिना टाइम बर्बाद किए शेयर