क्रेडिट कार्ड का मिनिमम पेमेंट काफी महंगा पड़ता है. मिनिमम पेमेंट की रकम ब्याज और पेनाल्टी में चली जाती है.
देश की बीमा कंपनियों को फ्रॉड की घटनाओं से सालाना करीब 50 हजार करोड़ रुपए का नुकसान हो रहा है.
साइबर अपराध से जुड़े लोग ठगी के नए-नए तरीके खोज रहे हैं. जो लोग बैंकिंग से जुड़ी शिकायत बैंक के ट्विटर हैंडल पर कर रहे हैं..
ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए तमाम रिटेल कंपनियां महंगे प्रोडक्ट्स पर No Cost EMI में खरीदने की सुविधा दे रही हैं.
हेल्थ इंश्योरेंस कंपनियों ने जोन के आधार पर प्रीमियम तय कर रखा है. अगर कोई व्यक्ति छोटे शहर से बड़े में इलाज कराने जाता है तो उस पर कोपेमेंट लागू है.
बीमा के प्रपोजल फॉर्म में अपने स्वास्थ्य से जुड़ी हर छोटी-बड़ी जानकारी दें. टर्म इंश्योरेंस को खरीदते वक्त कैसे भरें अपनी जानकारी. देखिए वीडियो-
अगर बैंक में ही पैसा रखना है तो बचत खाते के मुकाबले FD करने में समझदारी है. बचत खाते में रखा मोटा बैलेंस कैसे खा रहा है आपका रिटर्न?
फर्जी मैसेज और कॉल के जरिए बड़े पैमाने पर लोगों को धमका कर पैसे की वसूली की जा रही है. साइबर ठग लोगों के डर को अपना हथियार बनाते हैं. इन ठगों से कैसे बचें? कहां करें इन मामलों की शिकायत? तमाम सवालों के जवाब जानने के लिए देखें जागते रहो-
होम लोन की डील जैसे पक्की होती है वैसे ही बैंक आपको मैंडेटरी इंश्योरेंस का हवाला देने लगते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं ये बस बीमा बेचने का बहाना है. बैंक दबाव बनाने के लिए इसे अनिवार्य बताते हैं. जागते रहो में समझिए कि क्यों आपको बैंक से ये बीमा नहीं लेना चाहिए-
दिल्ली पुलिस ने हाल ही में साइबर जालसाजों के एक गिरोह को पकड़ा है जो जाली दस्तावेज के आधार पर लोगों की बीमे की रकम निकाल लेता था. गिरोह ने 22 पॉलिसी धारकों को 2 करोड़ 38 लाख रुपए का चूना लगाया है. मृत व्यक्तियों की पॉलिसी से भी रकम निकाली गई. हैरत की बात यह है कि ये पूरा खेल बीमा कंपनी मैक्स लाइफ इंश्योरेंस के पूर्व और मौजूदा कर्मचारियों की मिलीभगत से चल रहा था.जागते रहो में जानिए कैसे हो रहा है इंश्योरेंस का ये फ्रॉड.