सीनियर सिटीजन यानी बुजुर्गों के पास कम रिस्क के रेगुलर इनकम कमाने के साधन सीमित हैं. सीनियर सिटीजन सेविंग्स स्कीम और बैंक FD में कहां मिलेगा ज्यादा ब्याज? कौन-सा बड़ा बैंक एफडी पर सबसे ज्यादा ब्याज दे रहा है? छोटे बैंक की FD का ब्याज बड़े बैंकों से कितना ज्यादा है?
उम्र बढ़ने के साथ ही बीमारियां ज्यादा असर करना शुरू कर देती हैं इसलिए बुजुर्ग अवस्था में अस्पताल में भर्ती होने की ज्यादा जरूरत होती है. ऐसे में पर्याप्त हेल्थ बीमा कवर होना जरूरी है. सीनियर सिटीजन के लिए पॉलिसी खरीदने से पहले किन बातों का रखें ध्यान? जानने के लिए देखिए ये वीडियो-
रिटायरमेंट के बाद अक्सर लोगों को पैसों की चिंता सताती है. सीनियर सिटीजन सेविंग्स स्कीम आपकी इस चिंता को दूर कर सकती है. इस स्कीम में कितना रिटर्न मिलेगा? सीनियर सिटीजन सेविंग्स स्कीम में कब और कितना निवेश किया जा सकता है? जानें...
लोन लेने के लिए क्रेडिट स्कोर कितना होना चाहिए? खराब सिबिल स्कोर को सुधारकर कैसे सुधार सकते हैं? क्रेडिट कार्ड का सही इस्तेमाल कैसे करें? जानें.
अचानक पैसों की जरूरत पड़ने पर लोग म्यूचुअल फंड से पैसा निकाल लेते हैं. क्या ये अप्रौच सही है? रिडम्प्शन की जगह म्यूचुअल फंड पर लोन लेना कितना फायदेमंद रहेगा? लोन अगेंस्ट म्यूचुअल फंड की ब्याज दर कितनी है? म्यूचुअल फंड से पैसे निकालना Vs लोन: जरूरत के वक्त क्या है सही? जानें...
लोन चुकाने के जोखिम को कवर करने के लिए क्रेडिट इंश्योरेंस अच्छा विकल्प है. कैसे काम करता है क्रेडिट इंश्योरेंस, कैसे डिजायन किया जाता है, इस बीमा के क्या हैं फायदे, किसके लिए जरूरी है यह बीमा? जानने के लिए देखिए ये वीडियो-
रिजर्व बैंक ने क्रेडिट/डेबिट कार्ड की सुरक्षा बढ़ाने के लिए एक और कदम उठाया है. क्या है ये कदम और इससे आपको मिलेंगे क्या फायदे? जानने के लिए देखें ये वीडियो-
बच्चे के जन्म से पूर्व और बाद की देखभाल के मेडिकल खर्चे पूरे करने के लिए इंश्योरेंस कवरेज लेना एक सही शुरुआत हो सकती है. ज्यादातर स्टैंडर्ड हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी में एक ठोस मैटरनिटी कवरेज नहीं मिलता. कैसा होना चाहिए आपका मैटरनिटी इंश्योरेंस? देखिए इस वीडियो में-
UPI ऐप से गलत नंबर पर पैसे चले जाने पर क्या करें? क्या है UPI ऑटो-रिवर्सल सिस्टम? कैसे वापस मिलेंगे पैसे? जानने के लिए देखें ये वीडियो.
RBI ने कहा है कि नॉन-कॉलेबल टर्म डिपॉडिट के लिए न्यूनतम रकम को 15 लाख से बढ़ाकर 1 करोड़ रुपए किया जा सकता है. नॉन-कॉलेबल और कॉलेबल FD में क्या अंतर है? नॉन-कॉलेबल FD के नियमों में बदलाव से आम आदमी को कैसे होगा फायदा? जानें…