सोचिए क्या हो अगर आप कैश या फिर चेक लेकर गाड़ी के किसी शोरूम पर जाएं. आपका दिल गाड़ी को तुरंत खरीदना चाहेगा. लेकिन फुल पेमेंट करने के बाद भी आप अपनी पसंदीदा गाड़ी घर नहीं ला पाएंगे. जानते हैं क्यों. बाजार में खरीदार तो बहुत सारे हैं. लेकिन गाडि़यां बहुत कम. हालत ये है कि कंपनियां नई गाडि़यों के ऑर्डर तो तुरंत बुक कर रही हैं, लेकिन डिलीवरी देने में महीनों का वक्त ले रही हैं.
नई कार के लिए इस लंबे इंतजार की वजह है चिप शॉर्टेज. जिसने ऑटो कंपनियों के उत्पादन पर ब्रेक लगा दिया है. बाजार में डिमांड तो ऊंची है. लेकिन सप्लाई सीमित. जिसने ग्राहकों को उनकी मनपसंद नई कार के लिए महीनों का इंतजार करने या फिर कम लोकप्रिय और कम वेटिंग पीरियड वाले मॉडल खरीदने को मजबूर कर दिया है.
महिंद्रा एक्सूवी 700 से लेकर थार, हुंडई क्रेटा, किया सेल्टोस और करेंस, मारुति सुजुकी बलेनो जैसी लोकप्रिय कारों पर इंतजार का वक्त 4 महीने से लेकर एक साल तक का है.
महिंद्रा एंड महिंद्रा की एक्सयूवी 700 पर वेटिंग पीरियड 18 महीने से ज्यादा का चल रहा है. किआ इंडिया की हाल ही में लॉन्च हुई 7-सीटर कार करेंस पर वेटिंग पीरियड एक साल का है.
अगर आप महिंद्रा थार खरीदने जा रहे हैं तो इसके लिए आपको 8 महीने और हुंडई क्रेटा के लिए 6 महीने तक का इंतजार करना होगा.
देश की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी मारुति सुजुकी के हर मॉडल्स के लिए वेटिंग पीरियड 2 से लेकर 4 महीने तक का है.
टाटा मोटर्स की इलेक्ट्रिक कार को बुकिंग करने के बाद ग्राहकों को डिलीवरी के लिए 2 से लेकर 3 महीने तक का इंतजार करना पड़ रहा है.
मारुति सुजुकी इंडिया में मार्केटिंग एंड सेल्स डिवीजन के सीनियर एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर, शशांक श्रीवास्तव कहते हैं कि कोविड-19 के बाद मजबूत मांग की वजह से बुकिंग बहुत ज्यादा हो रही हैं. लेकिन सेमीकंडक्टर की आपूर्ति में सुधार न आ पाने की वजह से कंपनियां अपनी पूरी क्षमता पर उत्पादन नहीं कर पा रही हैं. इस वजह से डिलीवरी के लिए इंतजार का समय सामान्य से बहुत ज्यादा बढ़ गया है.
महिंद्रा एंड महिंद्रा के सीईओ विजय नाकरा का कहना है कि रूस-यूक्रेन युद्ध और चीन में दोबारा लॉकडाउन लगने से ग्लोबल सेमीकंडक्टर शॉर्टेज और सप्लाई चेन में व्यवधान बढ़ गया है.
फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष विनकेश गुलाटी का कहना है कि बाजार में ऐसी कोई कार नहीं है, जिस पर वेटिंग पीरियड कम से कम 2 से 3 महीने का न हो. सबसे ज्यादा बिकने वाले और लोकप्रिय मॉडल्स पर वेटिंग पीडियड एक साल से लेकर डेढ़ साल के बीच है.
मारुति के पास इस समय 2,85,000 बुकिंग हैं. बुकिंग की यह संख्या पिछले साल अप्रैल में 1,74,000 थी. देश की दूसरी सबसे बड़ी पैसेंजर व्हीकल कंपनी हुंडई के पास 1 लाख से ज्यादा पेंडिंग बुकिंग हैं.
फाडा के मुताबिक इस समय बनने वाली प्रत्येक 100 के लिए 120 से 130 बुकिंग हो रही हैं. जबतक चिप की आपूर्ति पर्याप्त मात्रा में शुरू नहीं होती, तब तक कंपनियां अपनी उत्पादन क्षमता नहीं बढ़ा सकतीं. तो ऐसे में नई कार के लिए इंतजार तो आपको लंबे समय तक करते रहना होगा.