संगठित क्षेत्र के कर्मचारियों के फंड का प्रबंधन करने वाले संगठन (EPFO) ने अपने सदस्यों के लिए ऊंची पेंशन का विकल्प चुनने के लिए तय की गई समय सीमा बढ़ा दी है. अब अधिक पेंशन का लाभ लेने के इच्छुक सदस्य 26 जून तक आवेदन कर सकते हैं. सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर इस प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए ऑनलाइन सुविधा मुहैया कराई गई थी लेकिन जरूरी दस्तावेज की उलझन को लेकर लोग इस स्कीम के बारे में समझ नहीं पा रहे थे. अभी तक महज 12 लाख लोग ही आवेदन कर पाए हैं. इस समय से ऊंची पेंशन का विकल्प चुनने के लिए समय सीमा बढ़ाने की मांग की जा रही थी. विकल्प चुनने के लिए ऑनलाइन सुविधा 3 मई 2023 तक के लिए थी जिसे अब 26 जून तक के लिए बढ़ा दिया गया है.
कौन कर सकता है आवेदन? सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक वे कर्मचारी जो 1 सितंबर, 2014 से पहले ईपीएफओ और ईपीएस के सदस्य थे और जो सेवा में बने रहे लेकिन पहले उच्च पेंशन विकल्प का लाभ उठाने से चूक गए थे वे अब ऊंची पेंशन के लिए आवेदन कर सकते हैं. इसी तरह जो सदस्य 1 सितंबर 2014 से पहले 6,500 रुपए और 5,000 रुपए से ज्यादा के पेंशन योग्य वेतन पर कर्मचारी पेंशन स्कीम (EPS) में योगदान कर रहे थे, वह भी इसके लिए आवेदन के योग्य हैं. जो लोग 1 सितंबर 2014 से पहले रिटायर हो गए थे लेकिन जिन्होंने वास्तविक वेतन के आधार पर पेंशन के चुनाव के लिए जॉइंट ऑप्शन चुना था जिसे EPFO ने खारिज कर दिया था, वे भी बढ़ी हुई पेंशन के लिए आवेदन कर सकते हैं.
कौन नहीं कर सकता आवेदन? कर्मचारी भविष्य निधि के ऐसे सदस्य जो 1 सितंबर, 2014 से पहले रिटायर हो गए हैं और जिन्होंने वास्तविक वेतन के आधार पर पेंशन के लिए जॉइंट ऑप्शन नहीं चुना था, वह ज्यादा पेंशन के लिए आवेदन नहीं कर सकते हैं. इसके अलावा ऐसे कर्मचारी जिन्होंने 1 सितंबर, 2014 के बाद नौकरी शुरू की है उनका मूल वेतन यानी बेसिक और डीए को जोड़कर 15,000 रुपए से अधिक है, वह EPS के पात्र नहीं हैं.
कब चुनना चाहिए विकल्प? सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद स्पष्ट हो गया है कि जब EPS में कंट्रीब्यूशन ज्यादा होगा तो पेंशन भी ज्यादा मिलेगी. लेकिन इसके लिए कर्मचारी को पिछले सालों को एरियर भी जमा करना होगा. यह राशि लाखों रुपए में हो सकती है. यह रकम कर्मचारी के पीएफ खाते से समायोजित की जाएगी. अगर खाते में पैसा नहीं है तो जेब से जमा करनी होगी. फिलहाल पीएफ पर सालाना 8.15 फीसद ब्याज मिल रहा है जो पूरी तरह से टैक्स फ्री है. दूसरी ओर रिटायरमेंट के बाद जो पेंशन मिलेगी वह टैक्स के दायरे में आएगी. एक खास बात यह है कि EPFO ने अभी तक ऊंची पेंशन के लिए कोई स्पष्ट फॉर्मूला जारी नहीं किया है कि किस व्यक्ति को रिटायरमेंट के बाद कितनी पेंशन मिलेगी. ऐसे में इन तमाम पहलुओं पर गौर करने के बाद ही ऊंची पेंशन के लिए आवेदन करें.
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