लघु बचत योजनाओं (Small Savings Schemes) के लिए जरूरी खबर है. सरकार ने इन छोटी बचत योजनाओं के निवेशकों को राहत देते हुए कई बड़े बदलाव किए है. वित्त मंत्रालय ने एक अधिसूचना जारी कर कहा कि अब एक प्रवासी भारतीय (NRI) को अब डाकघर की पीपीएफ, एनएससी जैसी सरकारी बचत योजनाओं के लिए नामांकित व्यक्ति यानी नॉमिनी बनाया जा सकता है.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक सरकार ने आवेदकों को अपने नाम या उपनाम में बदलाव करने की भी इजाजत दी है. ये बदलाव वित्त मंत्रालय द्वारा अधिसूचित सरकारी बचत प्रोत्साहन सामान्य नियमों में संशोधन के तहत किया गया है. सरकारी बचत संवर्धन अधिनियम, 1873 के तहत सार्वजनिक भविष्य निधि (PPF), राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र (NSC), सुकन्या समृद्धि योजना (SSY), वरिष्ठ नागरिक बचत योजना (SCSS), महिला सम्मान योजना, किसान विकास पत्र (KVP), और डाकघर मासिक आय (MIS) जैसी योजनाएं आती हैं.
एनआरआई के लिए राहत
दरअसल, भारत में एनआरआई को छोटी बचत योजनाओं में निवेश करने की अनुमति नहीं है. हालांकि इन लोगों को नॉमिनी बनाए जाने को लेकर लंबे समय से विचार चल रहा था. लंबी प्रतीक्षा के बाद सरकार ने एनआरआई को लघु बचत योजनाओं में नॉमिनी बनाने को मंजूरी दे दी. इस अधिसूचना में कहा गया है कि प्रवासी भारतीय सरकारी लघु बचत योजनाओं में नॉमिनी तो बन सकेंगे लेकिन उन्हें भुगतान लेने के लिए कुछ शर्तों का पालन करना होगा.
नाम व उपनाम में परिवर्तन
इसके अलावा, एक अन्य संशोधन के तहत खाताधारक को नाम या उपनाम बदलने की सुविधा भी दी जा रही है. नोटिफिकेशन में कहा गया है बचत योजना से जुड़े खाते में नाम या उपनाम बदलने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा निर्धारित प्रक्रिया का पालन करते हुए इसकी अनुमति दी जाएगी. अगर किसी को नाम या उपनाम में बदलाव कराना है तो वह क़ानूनी दस्तावेज के आधार पर करा सकता है, इसके लिए उसे हलफनामा देना होगा कि नाम या उपनाम कानूनी रूप से बदल दिया गया है. नाम सुधार आवेदन बैंक स्टेटमेंट या बैंक को अन्य औपचारिक पत्रों के लिए आवेदन की तरह ही लिखा जा सकता है.
खाते में बदलाव
पिछले नियमों के अनुसार, एकल खाते के रूप में खोले गए खाते को बाद में संयुक्त खाते में या इसके विपरीत परिवर्तित नहीं किया जा सकता था, लेकिन अब खाताधारक की मृत्यु के कारण संयुक्त खाते को एकल खाते में बदलने की अनुमति देने का प्रावधान जोड़ा गया है.
नाबालिग के खाते में बदलाव
वर्तमान में, कोई वयस्क अपने बच्चे की उम्र का प्रमाण जमा करके नाबालिग के नाम से खाता खोल सकता है. इसके लिए खाताधारक की पासपोर्ट साइज़ फोटो जमा करनी होती है. लेकिन अब केवल अभिभावक की अपडेटेड पासपोर्ट साइज़ फोटो ही जमा करनी होगी.
भुगतान से जुड़ा बदलाव अधिसूचना के अनुसार, जमाकर्ता की मृत्यु के कारण भुगतान से संबंधित मानदंडों में भी बदलाव किया गया है. इसके तहत यदि राशि 5 लाख रुपए से अधिक है तो भुगतान वसीयत या उत्तराधिकार पत्र के साथ-साथ अन्य दस्तावेज के आधार पर किया जाएगा. अगर कोई नामांकित व्यक्ति नहीं है, साथ ही उसकी वसीयत का नॉमिनी या उत्तराधिकार प्रमाण पत्र या कानूनी उत्तराधिकारी प्रमाण पत्र मृत्यु की तारीख से छह महीने के भीतर जमा नहीं किया गया तो सही दावेदार को फॉर्म 11 भरना होगा. उसे खाताधारक का मृत्यु प्रमाण पत्र, मूल पासबुक या जमा रसीद, एक हलफनामा, अस्वीकरण पत्र, क्षतिपूर्ति बांड और पहचान प्रमाण भी जमा करना होगा. विवाद की स्थिति में, दावा प्रपत्र, पासबुक या जमा रसीद या खाते का मूल विवरण, खाताधारक का मृत्यु प्रमाण पत्र और पहचान प्रमाण के साथ ही न्यायालय द्वारा जारी उत्तराधिकार प्रमाण पत्र जमा करना होगा. इसके बाद ही दावेदार को राशि का भुगतान किया जाएगा.
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