PPF Interest Rate: छोटी बचत योजनाओं में निवेश करने वालों के लिए अच्छी खबर है. सरकार ने वित्त वर्ष 2023-24 की दूसरी तिमाही यानी जुलाई से सितंबर के लिए ब्याज दरों (Small Savings Scheme Interest Rates) में बदलाव किया है. कई छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दरों में 10 से 30 बेसिस पॉइंट की वृद्धि की है. सौ बेसिस पॉइंट एक फीसद के बराबर होता है. बढ़ी हुई ब्याज दरें 1 जुलाई से लागू होंगी. लेकिन पीपीएफ में ज्यादा ब्याज मिलने की उम्मीद कर रहे निवेशकों को फिर हताशा हाथ लगी है.
इन योजनाओं में बढ़ा ब्याज सरकार ने जिन योजनाओं की ब्याज दरों में वृद्धि की है उनमें एक साल और दो साल की टाइम डिपॉजिट (TD) और पांच साल की आवर्ती जमा (RD) योजना शामिल है. डाकघर की टीडी योजना बैंकों की सावधि जमा (FD) की तरह काम करती है. वित्त मंत्रालय की ओर से शुक्रवार को जारी अधिसूचना के अनुसार एक साल की सावधि जमा लिए 6.8 फीसद से बढ़कर 6.9 फीसद कर दिया गया है. इसके अलावा, दो वर्ष की टीडी पर ब्याज दर 6.9 फीसद से बढ़ाकर 7.0 फीसद कर दी गई है. पांच साल वाली आरडी पर ब्याज को 6.2 फीसद से बढ़ाकर 6.5 फीसद कर दिया गया है. इस तरह सबसे ज्यादा वृद्धि आरडी के ब्याज में की गई है.
इन योजनाओं में नहीं बढ़ा ब्याज इस वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही, जुलाई से सितंबर के लिए सीनियर सिटीजन सेविंग्स स्कीम (SCSS), पीपीएफ (PPF), किसान विकास पत्र (KVP) और सुकन्या समृद्धि योजना की ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं हुआ है. इसके अलावा, तीन वर्ष और पांच वर्ष की सावधि जमा की ब्याज दरें भी नहीं बदली गई हैं.
पीपीएफ पर तीन साल से नहीं बढ़ा ब्याज लोक भविष्य निधि (PPF) सबसे लोकप्रिय लघु बचत योजना है. इसकी ब्याज दरों में अप्रैल 2020 के बाद से अब तक कोई बदलाव नहीं हुआ है. इस योजना में फिलहाल 7.1 फीसद सालाना ब्याज मिल रहा है. हालांकि पिछले दिनों सरकार ने वरिष्ठ नागरिक बचत योजना (SCSS), राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र (NSC) और सुकन्या समृद्धि योजना (Sukanya Samriddhi Yojana) जैसी सभी छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दरें बढ़ा चुकी है. ऐसे में निवेशकों को उम्मीद थी कि इस बार पीपीएफ की ब्याज दरें बढ़ाई जा सकती है.
पीपीएफ की ब्याज दरें कैसे होती है तय? पीपीएफ की ब्याज दरें तय करने के लिए 10 साल की बॉन्ड यील्ड (Bond Yield) से 25 बेसिस प्वाइंट ज्यादा ब्याज दिया जाता है. अभी यह बॉन्ड यील्ड 7.3 फीसद है. इस तरह पीपीएफ के ब्याज दरों को करीब 7.35 फीसद तक बढ़ाया जा सकता था, लेकिन सरकार ने एक बार फिर इसमें कोई बदलाव नहीं किया है. मई 2022 के बाद से आरबीआई रेपो रेट में 2.5 फीसद की वृद्धि कर चुका है. इस दौरान सभी बैंक अपनी एफडी दरों में कई बार वृद्धि कर चुके हैं लेकिन पीपीएफ की ब्याज दर पिछले तीन साल से स्थिर हैं.
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