सरकारी कर्मचारियों को नई पेंशन स्कीम (NPS) में गारंटीड पेंशन का मामला अब भी उलझा हुआ है. इस बारे में गुरुवार को मीडियों रिपोर्टों में बताया गया था कि लोकसभा चुनावों से पहले सरकार एनपीएस में कर्मचारियों को गारंटीड पेंशन का प्रावधान कर सकती है. पेंशन की राशि कर्मचारी रिटायरमेंट के समय की अंतिम बेसिक सैलरी का 40 से 45 फीसद के बीच हो सकती है. इस बारे में वित्त मंत्रालय ने ट्वीट कर रहा है कि एनपीएस की समीक्षा की जा रही है. इस बारे में अभी कोई अंतिम फैसला नहीं आया है.
इस बारे में अब वित्त मंत्रालय ने कहा है कि सरकारी कर्मचारियों के लिए मौजूदा पेंशन प्रणाली एनपीएस की समीक्षा अभी चल रही है. सरकार ने अप्रैल में एनपीएस की समीक्षा करने और मौजूदा ढांचे में बदलाव के बारे में सुझाव देने के लिए वित्त सचिव टीवी सोमनाथन की अध्यक्षता में समिति गठित की थी. वित्त मंत्रालय ने ट्वीट के जरिए कहा है कि सोमनाथन समिति संबंधित हितधारकों के साथ विचार-विमर्श की प्रक्रिया में है. यह कमेटी अभी तक किसी नतीजे पर नहीं पहुंच पाई है. समिति एनपीएस के दायरे में आने वाले सरकारी कर्मचारियों के पेंशन लाभों को बेहतर करने के लिए जरूरी उपायों के बारे में सुझाव देगी. फैसला हो सकता है. हालांकि इस बारे में अभी कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है.
दरअसल, पिछले कुछ समय से पुरानी पेंशन स्कीम की बहाली की मांग जोर पकड़ रही है. कई राज्यों के विधानसभा चुनावों में पुरानी पेंशन की बहाली का मामला बड़ा मुद्दा बना था. राजस्थान, छत्तीसगढ़, पंजाब और हिमाचल प्रदेश जैसे राज्य सरकारी कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन व्यवस्था को बहाल कर चुके हैं. ऐसे में NPS में न्यूनतम पेंशन की गारंटी के प्रस्ताव पर सरकार की मुहर लग जाती है तो इससे केंद्र की सत्ता में बैठी भाजपा को आगामी लोकसभा चुनाव में बड़ा फायदा मिल सकता है. बता दें केंद्र सरकार ने नई पेंशन स्कीम के बढ़ते विरोध के बीच चार सदस्यीय कमेटी भी बनाई है जो NPS की समीक्षा और इसमें सुधारों को लेकर काम कर रही है.
क्या है मौजूदा व्यवस्था? देश में 1 एक अप्रैल, 2004 से जो सरकारी कर्मचारी भर्ती हुए हैं वह न्यू पेंशन सिस्टम (NSP) के दायरे में हैं. हालांकि इसमें रक्षा क्षेत्र से जुड़े कर्मचारी शामिल नहीं हैं. मौजूदा एनपीएस में कर्मचारियों को बेसिक सैलेरी का 10 फीसदी हिस्सा जमा करना होता है और इसमें 14 फीसदी योगदान सरकार देती है. इसके बाद रिटर्न कुल कॉरपस पर मिलने वाले मार्केट रिटर्न्स पर निर्भर करता है. अभी एऩपीएस के सदस्य की 60 साल पूरे होने पर सेवानिवृत्ति कोष का 60 प्रतिशत तक टैक्स फ्री एकमुश्त राशि के रूप में निकाल सकते हैं, जबकि बचे 40 फ़ीसदी से हिस्से से ‘एन्यूटी’ खरीदनी होगी जिससे व्यक्ति को हर साल निश्चित राशि भुगतान की जाएगी. इस व्यवस्था में कितनी पेंशन मिलेगी, इस बात की कोई गारंटी नहीं है. इसी वजह से सरकारी कर्मचारी लामबंद होकर एऩपीएस का विरोध कर रहे हैं.
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