बैंक में बढ़े हुए ब्याज पर अगर आप फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) कराना चाहते हैं तो आपके पास शायद अंतिम मौका है. क्योंकि बाजार से इस तरह के संकेत मिलने लगे हैं कि बैंक आगे जमा पर ब्याज दरों में बढ़ोतरी नहीं करेंगे, उल्टा जमा पर ब्याज की दर घट सकती है. ये संकेत बेंचमार्क 10 साल की बॉन्ड यील्ड से मिले हैं. देश में बेंचमार्क 10 साल के बॉन्ड की यील्ड 7 महीने के निचले स्तर पर आ गई है. बॉन्ड यील्ड घटकर 7.11 फीसद पर आ गई है जो 13 सितंबर के बाद सबसे निचला स्तर है. बॉन्ड यील्ड में आई गिरावट बताती है, कि बाजार को भविष्य में रिजर्व बैंक की तरफ से पॉलिसी दरों में बढ़ोतरी की उम्मीद नहीं है, बल्कि बाजार रेपो रेट में कटौती होने की उम्मीद लगा रहा है.
क्या है उम्मीद?
अगर रिजर्व बैंक भविष्य में रेपो रेट सहित अन्य पॉलिसी दरों में कटौती करता है तो उससे बैंकों को भी जमा पर ब्याज की दर घटानी होगी और साथ में कर्ज भी सस्ता करना होगा. यानी बैंक भविष्य में FD पर ब्याज की दर को घटाने के साथ होम और कार लोन की दरों में भी कटौती कर सकते हैं. यानी बॉन्ड यील्ड में आई गिरावट की वजह से भविष्य में जहां एक तरफ जमा पर ब्याज घटने की आशंका बढ़ी है, तो दूसरी तरफ कर्ज सस्ता होने की उम्मीद भी बढ़ गई है.
रिजर्व बैंक ने अपनी पिछली पॉलिसी में नीतिगत दरों में किसी तरह की बढ़ोतरी नहीं की थी. हालांकि बाद में बैंक की तरफ से जारी किए गए पॉलिसी के मुख्य अंश में कहा गया, कि भविष्य में महंगाई बढ़ती है तो रिजर्व बैंक फिर से ब्याज दरों में बढ़ोतरी कर सकता है. लेकिन बाजार शायद बाजार अनुमान लगा रहा है कि रिजर्व बैंक पॉलिसी दरों में बढ़ोतरी नहीं करेगा, यही वजह है कि 10 साल की बॉन्ड यील्ड में गिरावट आई है.
कर्ज सस्ता होने के आसार
भारत के अलावा दुनियाभर के कई बड़े केंद्रीय बैंकों से भी इस तरह के संकेत मिले हैं कि उनकी तरफ से भविष्य में ब्याज दरें नहीं बढ़ाई जाएंगी. अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व ने संकेत दिए हैं कि ब्याज दरों में बढ़ोतरी का साइकिल पूरा हो चुका है. वैश्विक स्तर पर इस तरह के संकेतों से दुनियाभर में कर्ज सस्ता होने की उम्मीद बढ़ गई है और इस वजह से भी भारत सहित पूरी दुनिया में बॉन्ड पर यील्ड कम हो रही है.
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