बैंकों में जिस तरह फिक्स्ड डिपॉजिट यानी एफडी खाता खोला जाता है, पोस्ट ऑफिस में आप उसी तरह टाइम डिपॉजिट (TD) खाता खोल सकते हैं. दोनों योजनाएं लगभग एक जैसी हैं. हालांकि निवेश की ब्याज दरों में थोड़ा अंतर है. इसके अलावा आप फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) खाता सरकारी और निजी बैंक दोनों में ही खोल सकते हैं, वहीं टाइम डिपॉजिट पूरी तरह से एक सरकारी योजना है और टीडी खाता केवल पोस्ट ऑफिस में ही खोला जा सकता है. पोस्ट ऑफिस की टाइम डिपॉजिट यानी टीडी स्कीम निवेश की एक अहम योजना है. डाकघर की यह योजना देश के दूरदराज के क्षेत्रों और ग्रामीण इलाकों में काफी लोकप्रिय है.
कितना रिटर्न?
पोस्ट ऑफिस का संचालन सीधे केंद्र सरकार की ओर से किया जाता है. सरकार पोस्ट ऑफिस की लघु बचत योजनाओं की ब्याज दरों की तुलना तिमाही आधार पर करती है. हालांकि पोस्ट ऑफिस की योजनाओं पर बैंकों की तुलना में कुछ बेहतर ब्याज मिलता है. इसी वजह से एफडी की तुलना में टीडी में ब्याज दर भी ज्यादा है. जहां बैंक एफडी में औसत ब्याज दर इस समय 6 से 7 फीसद है, वहीं टीडी में सालाना 6.8 से 7.5 फीसद के बीच ब्याज मिल रहा है.
दस साल से ज्यादा उम्र का कोई भी व्यक्ति किसी भी पोस्ट ऑफिस में टाइम डिपॉजिट खाता खोल सकता है. साथ ही अभिभावक अपने नाबालिग बच्चे की ओर से खाता खोल सकते हैं. एक और बात…एक साथ तीन लोग ज्वाइंट अकाउंट रख सकते हैं. इस योजना में ब्याज दर एफडी की तुलना में इसलिए ज्यादा है क्योंकि सरकार इस फंड का इस्तेमाल सरकारी योजनाओं के लिए करती है. टीडी खाता एक साल से लेकर पांच साल तक के लिए खोला जा सकता है. लेकिन कर में छूट केवल पांच साल की टीडी में निवेश पर ही मिलता है. आयकर अधिनियम की धारा 80सी के तहत टीडी में 1.5 लाख रुपए तक निवेश पर टैक्स में छूट मिलती है. बैंकों की पांच साल की टैक्स सेवर स्कीम में भी यह सुविधा मिलती है. रिटर्न के हिसाब पोस्ट ऑफिस की एफडी बेहतर साबित हो रही है.