सुरक्षित निवेश का जिक्र आते ही सभी के मन में सबसे पहला ख्याल फिक्स्ड डिपॉजिट यानी FD का ही आता है…FD में फिक्स टाइम जैसे 1, 2 या 5 साल के लिए पैसा लगाने पर गारंटीड रिटर्न मिलता है.
FD के बारे में लगभग सभी लोग जानते हैं लेकिन क्या आपने ग्रीन टर्म डिपॉजिट या ग्रीन FD के बारे में सुना हैं? ये क्या है? कैसे रेगुलर FD से अलग है? क्या ग्रीन और नॉर्मल FD के इंटरेस्ट रेट में कोई अंतर है? आइए आज इसी के बारे में जानते हैं.
क्या है ग्रीन एफडी?
ग्रीन FD को Environmentally friendly fixed deposit यानी पर्यावरण अनुकूल फिक्स्ड डिपॉजिट भी कहते हैं. इस स्कीम से जुटाए गए पैसों को पर्यावरण को फायदा पहुंचाने वाले प्रोजेक्ट्स में लगाया जाता है- जैसे सोलर पावर, विंड फार्म्स, वेस्ट मैनेजमेंट और एनर्जी-इफिशिएंट इंफ्रास्ट्रक्टर से जुड़े प्रोजेक्ट्स.
अब ये समझते हैं कि ग्रीन FD रेगुलर FD से कैसे अलग है? ग्रीन फिक्स्ड डिपॉडिट में नॉर्मल बैंक FD की तरह ही ग्राहकों को तय समय के लिए गारंटीड रिटर्न मिलता है. अंतर बस फंड एलोकेशन में है. ग्रीन FD स्कीम से बैंक जो पैसे जुटाते हैं, उसका इस्तेमाल इको फ्रेंडली प्रोजेक्ट्स की फंडिंग में किया जाता है जबकि नॉर्मल डिपॉजिट से आए पैसों को किसी खास प्रोजेक्ट्स के लिए आवंटित नहीं किया जाता. ये पैसा कॉमन पूल में जाता है जिसका इस्तेमाल बिजनेस, होम, ऑटो, पर्सनल लोन देने जैसे कई कामों में होता है.
बाकी चीजों में दोनों FD करीब-करीब एक जैसी ही हैं. मैच्योरिटी पर पैसे निकालने या रिन्यूवल जैसे ऑप्शंस दोनों में हैं.ग्रीन FD में भी ओवरड्राफ्ट की सुविधा है .ब्याज का भुगतान मासिक, तिमाही, सालाना या मैच्योरिटी किसी भी तरह से लिया जा सकता है.
ग्रीन फिक्स्ड डिपॉजिट को जनरल पब्लिक/रेजिडेंट इंडियन, सीनियर सिटीजन्स, नॉन इंडिविजुअल, नॉन रेजिडेंट इंडियन यानी NRI और हाई नेट वर्थ इंडिविजुअल यानी HNI खुलवा सकते हैं.
रेगुलर एफडी और ग्रीन एफडी में अंतर
अब जानते हैं कि रेगुलर और ग्रीन FD के इंटरेस्ट रेट में क्या अंतर है? ग्रीन फिक्स्ड डिपॉजिट की ब्याज दरें रेगुलर FD से ज्यादा भी हो सकती हैं और नहीं भी, क्योंकि ये बैंकों की ओर से तय पॉलिसी पर निर्भर करता है. स्टेट बैंक ऑफ इंडिया यानी SBI, बैंक ऑफ बड़ौदा, HDFC बैंक, AU स्मॉल फाइनेंस बैंक समेत कुछ बैंक ग्रीन FD ऑफर करते हैं. ब्याज दरों में कितना अंतर है. इसे समझने के लिए ग्रीन FD और रेगुलर FD की ब्याज दरों पर नजर डालते हैं.
SBI जनरल पब्लिक को 7 दिन से लेकर 10 साल तक की रेगुलर FD पर 3 से 7 फीसदी तक का ब्याज दे रहा है…वहीं, 400 दिन की स्पेशल डिपॉजिट पर 7.10 फीसदी की ब्याज दर है. अगर ग्रीन डिपॉजिट की बात करें तो इसमें 1,111 और 1,777 दिनों की FD पर 6.65 फीसदी जबकि 2,222 दिनों की ग्रीन FD पर 6.40 फीसदी का ब्याज है.
ब्याज दरों को थोड़ा और गहराई से परखते हैं. 1,111 दिन की ग्रीन FD, इसे साल में कन्वर्ट करें तो 3 साल से ऊपर की ग्रीन FD पर 6.65 फीसदी का ब्याज है. जबकि 3 साल से लेकर 5 साल से कम की नॉर्मल FD पर 6.50 फीसदी का ब्याज है…यहां ग्रीन FD पर ब्याज ज्यादा है…वहीं, 2,222 दिनों यानी 6 साल से ऊपर की ग्रीन FD पर 6.40% जबकि नॉर्मल FD की बात करें तो 5 साल से 10 साल तक की FD में 6.50 फीसदी की ब्याज दर है. इसमें नॉर्मल FD बाजी मार रही है.
बैंक ऑफ बड़ौदा की Green Deposits के ब्याज दरों पर नजर डालें तो 1 साल और डेढ़ साल की ग्रीन FD पर 6.75 फीसदी, 777 दिनों यानी दो साल से ज्यादा की FD पर 7.15 फीसदी और 1,111 दिन, 1,717 दिन व 2,201 दिन. इसे साल में कन्वर्ट करें तो 6 साल से ऊपर की FD पर 6.40 फीसदी की ब्याज दर है.
BoB की रेगुलर FD की बात करें तो यहां 1 से 2 साल की FD पर 6.85 फीसदी जबकि 2 साल से ज्यादा और 3 साल से कम की FD पर 7.25 फीसदी का ब्याज है. वहीं 3 साल से ऊपर और 10 साल तक की FD पर 6.50 फीसदी ब्याज है.
अलग-अलग बैंक की ग्रीन और रेगुलर FD के ब्याज में कितना अंतर आ रहा है. इसे आप बैंक की वेबसाइट पर जाकर भी चेक कर सकते हैं. आपके टेन्योर के हिसाब से ग्रीन FD और नॉर्मल FD में जहां आपको ज्यादा ब्याज मिल रहा है. उसे चुन सकते हैं. मौजूदा समय में शॉर्ट से मीडियम टर्म यानी 1 से 3 साल की रेगुलर FD पर बैंक ज्यादा ब्याज दे रहे हैं. सीनियर सिटीजन को जनरल पब्लिक के मुकाबले 0.50 फीसदी तक ज्यादा ब्याज मिलता है. ऐसे में कम रिस्क के साथ छोटी अवधि में अच्छे रिटर्न के लिए आप FD चुन सकते हैं
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