लोकसभा चुनाव से ठीक पहले देशभर में पुरानी पेंशन की बढ़ती मांग की वजह से सरकार दबाव में है. रिपोर्ट में कहा गया है कि केंद्र सरकार न्यू पेंशन स्कीम (NPS) में बदलाव करके उसमें गारंटीड पेंशन का प्रावधान कर सकती है. अंग्रेजी समाचार पत्र न्यू इंडियन एक्सप्रेस ने सूत्रों के हवाले से कहा है कि केंद्र सरकार न्यू पेंशन स्कीम में बदलाव करके, सरकारी कर्मचारियों की पेंशन के लिए आंध्र प्रदेश मॉडल के आधार पर पेंशन की व्यवस्था कर सकती है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि न्यू पेंशन स्कीम की नई व्यवस्था में, कर्मचारी के रिटायर होने पर उसके अंतिम मासिक वेतन के 40-50 फीसद हिस्से के बराबर पेंशन का प्रावधान हो सकता है. नई पेंशन स्कीम में बदलाव पर सुझाव देने के लिए सरकार ने केद्रीय वित्त सचिव टीवी सोमनाथन की अध्यक्षता में कमेटी का गठन किया हुआ है.
रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से यह भी बताया गया है कि बदलाव के बाद आने वाली नई पेंशन स्कीम मार्केट लिंक्ड होगी और मार्केट का रिटर्न अगर पेंशन पूरी देने में विफल होगा तो सरकार उसकी भरपाई करेगी और सुनिश्चित करेगी कि पेंशनर को उसके अंतिम मासिक वेतन के 40-50 फीसद हिस्से के बराबर पेंशन मिले. इसके लिए कर्मचारियों का कंट्रीब्यूशन पहले की तरह रहेगा. उसमें बढ़ोतरी नहीं होगी जबकि सरकार अपने कंट्रीब्यूशन में बढ़ोतरी करेगी. न्यू पेंशन स्कीम की मौजूदा व्यवस्था में कर्मचारी को उसके बेसिक वेतन का 10 फीसद हिस्सा पेंशन के लिए कंट्रीब्यूट करना होता है और बेसिक वेतन के 14 फीसद हिस्से के बराबर सरकार कंट्रीब्यूट करती है.
हालांकि अभी यह साफ नहीं है कि बदलाव के बाद आने वाली पेंशन स्कीम महंगाई के साथ जुड़ी होगी या नहीं. हालांकि आध्र प्रदेश की पेंशन योजना महंगाई के साथ जुड़ी है और महंगाई में बदलाव की तर्ज पर पेंशन में बढ़ोतरी होती है. आंध्र प्रदेश की पेंशन स्कीम में कर्मचारियों को उनके अंतिम वेतन के 50 फीसद हिस्से के बराबर पेंशन का प्रावधान है.