महिला सम्मान बचत प्रमाणपत्र योजना (एमएसएससी) के तहत अब तक 14.83 लाख अकाउंट खोले गए हैं और इस योजना से अब तक 8,630 करोड़ रुपए जुटाए गए हैं. सोमवार को संसद में सरकार ने यह जानकारी दी. वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने लोकसभा में एक सवाल में लिखित उत्तर देते हुए कहा कि यह आजादी का अमृत महोत्सव मनाने के लिए सरकार की एक नई शुरू की गई लघु बचत योजना है और विशेष रूप से भारत में महिलाओं और लड़कियों के लिए है.
दो साल की अवधि के लिए खास स्कीम
पंकज चौधरी ने इस योजना के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि एमएसएससी खाता किसी भी आयु वर्ग की महिला के द्वारा खोला जा सकता है, जिसमें बालिकाएं भी शामिल हैं. यह दो साल की अवधि के लिए है जिसमें न्यूनतम जमा राशि 1,000 रुपए और अधिकतम जमा राशि 2 लाख रुपए है. एमएसएससी के लिए ब्याज दर सालाना 7.5 फीसद है, जिसकी गणना तिमाही चक्रवृद्धि आधार पर की जाती है. अनुकंपा के आधार पर इस योजना में आंशिक निकासी और समय से पहले बंद करने की सुविधा भी मौजूद है.
इन बैंकों अब तक शुरू नहीं की ये योजना
वित्त राज्य मंत्री ने कहा कि सरकार ने डाक विभाग, सभी सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों और चार निजी क्षेत्र के बैंकों को एमएसएससी संचालित करने के लिए अधिकृत किया है. एक्सिस बैंक, एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक और आईडीबीआई बैंक जैसे कुछ ऋणदाताओं ने अब तक इस योजना की शुरुआत नहीं की है. महिला सम्मान बचत पत्र योजना मार्च 2025 तक यानी दो वर्ष की अवधि के लिए उपलब्ध है.
कैसे खोलें खाता?
पंकज चौधरी ने बताया कि इस खाता खोलने के लिए 31 मार्च, 2025 को या उससे पहले तक आवेदन किया जा सकता है. इसके साथ ही एक अन्य सवाल के जवाब में वित्त राज्य मंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय बचत सावधि जमा योजना वित्त वर्ष 2023-24 (1 वर्ष और 2 वर्ष) और राष्ट्रीय बचत आवर्ती जमा पर ब्याज दर क्रमशः दूसरी तिमाही (जुलाई से सितंबर) में 10 बीपीएस और 30 बीपीएस बढ़ा दी गई है.
पंकज चौधरी ने कहा कि सरकार की निति छूटों और प्रोत्साहनों को हटाने के साथ ही करों की दरों को कम करके आयकर अधिनियम, 1961 को सरल बनाना है. उन्होंने कहा कि धारा 80 सी के तहत छूट बढ़ाने का कोई प्रस्ताव नहीं है. आयकर अधिनियम अभी विचाराधीन है. वित्त वर्ष 2023-24 की पहली तिमाही के पहले दो महीनों के लिए लघु बचत योजनाओं के तहत शुद्ध संग्रह 74,937.87 करोड़ रुपए रही है.