कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) की ओर से हर वित्त वर्ष उनकी जमा रकम पर ब्याज दिया जाता है. कर्मचारियों को भुगतान किए जाने वाले ब्याज पर 10 फरवरी को केंद्रीय ट्रस्टी बोर्ड (CBT) की बैठक होने वाली है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक वित्त वर्ष 2024 में ब्याज दर घटाई जा सकती है. बैठक में 8 फीसदी की ब्याज दर की सिफारिश की जा सकती है. इस फैसले से ईपीएफओ से जुड़े 6 करोड़ से ज्यादा कर्मचारियों को नुकसान हो सकता है. वित्त वर्ष 2022-23 में कर्मचारियों को 8.15 फीसदी की दर से ब्याज दिया गया है. वहीं इससे पहले 2021-22 में ब्याज दर 8.10 फीसदी थी.
सीबीटी की बैठक ने सेवानिवृत्ति निधि निकाय को रिटर्न बढ़ाने के लिए शेयरों में निवेश को 10 फीसदी से बढ़ाकर 15 फीसदी किए जाने पर बात हो सकती है. निकाय को इस सिलसिले में बोर्ड की मंजूरी लेने की संभावना है. CBT की 235वीं बैठक के लिए बोर्ड के सभी सदस्यों को पत्र भेजा गया है. बता दें ब्याज दर, ईपीएफ सदस्यों की ओर से की गई निकासी, ईपीएफ खातों से मिले अंशदान और साल के दौरान हुई आमदनी के आधार पर तय किया जाता है.पिछले साल 28 मार्च को ईपीएओ ने कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) खातों पर वित्त वर्ष 2022-23 के लिए 8.15 प्रतिशत ब्याज देने की घोषणा की थी. वित्त वर्ष 2022-23 में भुगतान के लिए 90,497.57 करोड़ रुपए नेट इनकम उपलब्ध थी. ऐसे में सदस्यों के खातों में ब्याज डाले जाने के बाद 663.91 करोड़ रुपए के बचने का अनुमान लगाया गया था.
बैठक में ये मुद्दे भी होंगे अहम
सूत्रों के मुताबिक सीबीटी की बैठक में ज्यादा पेंशन को लेकर उच्चतम न्यायालय के आदेश को लागू करने, EPFO में खाली पदों पर भर्ती और EPFO कर्मचारियों के स्थानांतरण को लेकर भी चर्चा हो सकती है. इसके अलावा बैठक के तुरंत बाद ब्याज दरों की घोषणा की जाएबी या नहीं इस बारे में अभी स्थिति साफ नहीं है. क्योंकि पिछले साल जुलाई में श्रम मंत्रालय ने CBT से कहा था कि वह वित्त मंत्रालय की पूर्व अनुमति के बगैर वित्त वर्ष 2023-24 के ब्याज दरों की सार्वजनिक रूप से घोषणा न करे.