EPFO Interest Rate: ईपीएफओ सब्सक्राइबर्स के लिए जरूरी खबर है. सरकार ने ब्याज दरों को लेकर बड़ा ऐलान किया है. दरअसल, कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) हर वित्त वर्ष के लिए ब्याज दरों का ऐलान करता है, जिसके आधार पर संबंधित वित्त वर्ष में पीएफ खाताधारकों को उनकी जमा राशि पर ब्याज दिया जता है. लेकिन इस बार इसमें बदलाव किया है. सरकार ने मंजूरी मिलने तक के लिए वित्त वर्ष 2023-24 के लिए ईपीएफओ को ब्याज दरों को ऐलान करने से रोक दिया गया है.
ईपीएफओ को दिया गया निर्देश
ईपीएफओ के केंद्रीय न्यासी बोर्ड (CBT) को वित्त मंत्रालय की मंजूरी के बिना वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए ब्याज दर की घोषणा नहीं करने का निर्देश दिया गया है. दरअसल, ईपीएफओ श्रम एवं रोजगार मंत्रालय में शामिल है. इस समय ईपीएफओ के 6 करोड़ से अधिक सब्सक्राइबर्स हैं. ईपीएफओ देश के 6 करोड़ से अधिक सब्सक्राइबर्स के लिए उनके ईपीएफ और पेंशन स्कीम को मैनेज करता है. ईपीएफ खाते में ब्याज की गणना मासिक आधार पर की जाती है, लेकिन जमा वित्तीय वर्ष के अंत में किया जाता है.
घाटे में चल रहा है ईपीएफओ
इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार ईपीएफओ घाटे में चल रहा है. वित्त वर्ष 2021-22 में इसके 449.34 करोड़ रुपए के सरप्लस का अनुमान था, जबकि ईपीएफओ ने उस वित्त वर्ष में 197.72 करोड़ रुपए का डेफिसिट (घाटा) दर्ज किया. बाद में मंत्रालय ने इसे लेकर चिंता जताई. इसके बाद, जुलाई की शुरुआत में इस मुद्दे को वित्त मंत्रालय ने श्रम मंत्रालय के सामने भी उठाया. दरअसल, हर साल ईपीएफओ के सीबीटी के साथ बैठक के बाद वित्त मंत्रालय ईपीएफ का ब्याज दर तय करता है. वित्त वर्ष 2022-23 के लिए ईपीएफ की ब्याज दर 8.15 फीसद है. वित्त वर्ष 2021-22 के लिए ईपीएफ की ब्याज दर 8.10 फीसद से ज्यादा है.