हैदराबाद की फार्मा कंपनी में काम करने वाले 40 साल के नरेन्द्र ने हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस में पर्याप्त कवर ले रखा है. लेकिन बच्चों की पढ़ाई के खर्च की वजह से रिटायरमेंट की प्लानिंग नहीं कर पाए. नरेन्द्र के बड़े बेटे की पढ़ाई पूरी हो गई है. ऐसे में वह अब 15,000 रुपए प्रति महीने बचाकर निवेश करने की सोच रहे हैं.
नरेन्द्र अपने इस निवेश पर किसी तरह का जोखिम नहीं लेना चाहते. वह इस पैसे को ऐसी जगह लगाना चाहते हैं जहां सुरक्षित निवेश के साथ निश्चित रिटर्न मिले. नरेन्द्र की तरह अगर आप भी नौकरीपेशा हैं और निवेश पर बेहतर रिटर्न चाहते हैं तो आपके लिए कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) में वॉलेंटरी निवेश करना चाहिए. वॉलेंटरी प्रॉविडेंट फंड यानी VPF नौकरीपेशा लोगों के लिए निवेश का शानदार विकल्प है. इस निवेश पर टैक्स के मोर्चे पर भी बड़ा फायदा ले सकते हैं.
क्या होता है VPF? नरेद्र की मासिक बेसिक सैलरी 30,000 रुपए है. अभी इसमें से 12 फीसद राशि प्रॉविडेंट फंड यानी पीएफ में जाती है. इतनी ही रकम कंपनी की ओर से जमा की जाती है. अगर नरेन्द्र चाहें तो अपनी ओर से12 फीसद से ज्यादा की रकम पीएफ खाते में जमा करा सकते हैं. इस 12 फीसद के ऊपर के कंट्रीब्यूशन को ही वॉलेंटरी प्रॉविडेंट फंड यानी VPF कहा जाता है. वीपीएफ में कंट्रीब्यूशन की कोई सीमा नहीं है. अगर कोई कर्मचारी चाहे तो वह अपनी पूरी बेसिक सैलरी वीपीएफ में जमा करा सकता है.
कितना मिलेगा रिटर्न? पीएफ सामाजिक सुरक्षा से जुड़ी योजना है. इस योजना में निवेश पर सरकार सभी लघु बचत योजनाओं की तुलना में सबसे ज्यादा ब्याज देती है. वीपीएफ पर भी पीएफ खाते के बराबर ही ब्याज मिलता है. सरकार पीएफ पर ब्याज की घोषणा सालाना आधार पर करती है. साल 2022-23 के लिए पीएफ पर 8.15 फीसद ब्याज घोषित किया गया है. यह ब्याज पीपीएफ, एनएससी, केवीपी, आरडी और एफडी जैसी छोटी बचत योजनाओं की तुलना में काफी बेहतर है. ऐसे में नरेन्द्र इन योजनाओं के बजाय वीपीएफ में निवेश करके रिटायरमेंट के लिए ज्यादा पैसा जोड़ सकते हैं.
कैसे होगा फायदा? अगर नरेन्द्र वीपीएफ में हर महीने 15 हजार रुपए निवेश करते हैं तो सालाना निवेश 1.8 लाख रुपए होगा. इस तरह 20 साल में कुल 36 लाख रुपए जमा होंगे. अगर पीएफ की पिछले साल की 8.15 फीसद ब्याज दर को ही स्थिर मान लिया जाए तो इस पर 54.62 लाख रुपए ब्याज जुड़ेगा. इस तरह रिटायरमेंट के समय समय उऩ्हें 90.62 लाख रुपए की रकम मिलेगी जो पीएफ खाते से अलग होगी.
टैक्स का प्रावधान ईपीएफ में सालाना 1.5 लाख रुपए तक के निवेश आयकर की धारा 80सी के तहत कर कटौती का लाभ मिलता है. वीपीएफ में निवेश भी इसी दायरे में आएगा. ईपीएफ व वीपीएफ में सालाना 2.5 लाख रुपए तक के निवेश पर मिलने वाला ब्याज टैक्स फ्री होगा. अगर सालाना निवेश 2.5 लाख रुपए से अधिक है तो अतिरिक्त राशि पर मिलने वाला ब्याज निवेशक की सालाना आय में जुड़ेगा जिस पर स्लैब के आधार पर टैक्स का भुगतान करना होगा.
वीपीएफ में कैसे करें निवेश? वीपीएफ में निवेश की प्रक्रिया एकदम आसान है. इसकी शुरुआत करने के लिए आपको अपनी कंपनी के एचआर विभाग में बताना होगा. एचआर की तरफ से एक फॉर्म मिलेगा जिसमें आपको बताना होगा कि प्रतिमाह कितना निवेश करना चाहते हैं. इसके बाद आपका वीपीएफ खाता खुल जाएगा. सैलरी बढ़ने पर आप निवेश की रकम में वृद्धि भी कर सकते हैं.
क्या कहते हैं एक्सपर्ट? टैक्स एंड इंवेस्टमेंट एक्सपर्ट बलवंत जैन कहते हैं कि अगर आप निजी क्षेत्र की नौकरी में हैं और पैसा बचाने की स्थिति में तो आपको वीपीएफ में निवेश करना चाहिए. इससे आपको कई फायदे होंगे. बेहतर रिटर्न के साथ टैक्स सेविंग के फ्रंट पर भी बड़ी बचत कर सकते हैं. निवेश पोर्टफोलियो में संतुलन बनाने के लिए डेट इंस्ट्रूमेंट में भी निवेश होना चाहिए. वीपीएफ में निवेश डेट की भरपाई कर देगा. वीपीएफ का निवेश आपके रिटायरमेंट के लिए इंश्योरेंस का काम करेगा.
बुढ़ापे में आपका जीवन आत्म सम्मान और खुशहाली के साथ गुजरे इसके लिए रिटायरमेंट के बाद के लिए पर्याप्त पैसे का इंतजाम करें. यह काम आप जितना जल्दी शुरू करेंगे आप रिटायरमेंट के लिए उतना ही कॉर्पस तैयार लेंगे जो बुढ़ापे में काफी मददगार साबित हो सकता है.
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