फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) को लेकर इन दिनों कई आकर्षक ऑफर चल रहे हैं. बैंक FD पर 8 फीसदी तक का रिटर्न मिल सकता है. ऐसे में सेविंग अकाउंट का पैसा फिक्स्ड डिपॉजिट में डालने की सलाह दी जाती है. बड़े बैंक आमतौर पर सेविंग अकाउंट यानी बचत खाते पर मामूली ब्याज देते हैं. मौजूदा वक्त में महंगाई दर 5 फीसदी के आसपास है. इस लिहाज से सेविंग्स अकाउंट में पैसे रखकर आप नुकसान उठाते हैं. हालांकि, कुछ बैंक ऐसे हैं, जो सेविंग अकाउंट पर महंगाई को मात देने वाला और करीब-करीब बड़े बैंकों के फिक्स्ड डिपॉजिट जितना ब्याज दे रहे हैं. आइए जानते हैं ये बैंक कौन-से हैं और कितना ब्याज दे रहे हैं.
नए ग्राहकों की होड़ में छोटे और मझोले साइज के बैंक ज्यादा कीमत चुकाने को तैयार हैं. छोटे बैंकों ने सदियों पुरानी बैंकिंग प्रथा को तोड़ते हुए सेविंग अकाउंट पर मोटा ब्याज देना शुरू किया है. दरअसल, बड़े बैंक सेविंग और करंट अकाउंट यानी CASA को कम कीमत पर पूंजी जुटाने के साधन के रूप में इस्तेमाल करते हैं. छोटे बैंकों ने इस गणित को बदला है.
स्मॉल और मिड साइज बैंकों की बात करें तो RBL बैंक 4.25 से 7.50 फीसदी, उज्जीवन स्मॉल फाइनेंस बैंक 3.50 से 7.50 फीसदी, IDFC फर्स्ट बैंक 3 से 7 फीसदी, यस बैंक 3.50 से 7 फीसदी और बंधन बैंक 3 से 7 फीसदी के बीच सेविंग अकाउंट पर ब्याज ऑफर कर रहे हैं.
वहीं, बड़े बैंकों के सेविंग अकाउंट की ब्याज दरें छोटे बैंकों के मुकाबले काफी कम है. SBI यानी भारतीय स्टेट बैंक बचत खाते पर 2.70 से 3 फीसदी, पंजाब नेशनल बैंक यानी PNB 2.70 से 3 फीसदी, बैंक ऑफ बड़ौदा 2.75 से 3.35 फीसदी, HDFC बैंक 3 से 3.50 फीसदी जबकि ICICI बैंक 3 से 3.50 फीसदी के बीच ब्याज दे रहे हैं.
बैंकों के बीच बढ़ती प्रतिस्पर्धा का नतीजा है कि छोटे बैंकों के बचत खातों पर ब्याज अब 3 से 7.50 फीसदी के बीच है. यह कुछ बड़े बैंकों की ओर से फिक्स्ड डिपॉजिट पर दिए जा रहे 3 से 8 फीसदी के रिटर्न के काफी करीब है.
छोटे बैंकों का सेविंग्स अकाउंट पर ज्यादा ब्याज देने की वजह नए ग्राहकों को आकर्षित करना है. दरअसल, बड़े बैंक लंबे समय से बैंकिंग कारोबार में हैं. उनका कस्टमर बेस और बैंकिंग नेटवर्क दोनों बड़ा है. वहीं, छोट बैंकों को आए कुछ ही साल हुए हैं. वे बैंकिंग कारोबार में पैर जमाने की कोशिश में हैं. इसीलिए वे थोड़े वक्त में ज्यादा पूंजी जुटाने के लिए अधिक लागत उठाने को राजी हैं.
छोटे बैंक डिपॉजिट पर ज्यादा ब्याज देने की भरपाई लोन से कर रहे हैं. छोटे बैंकों जिस ब्याज दर पर लोन देते हैं वो बड़े बैंकों के मुकाबले ज्यादा है. छोटे बैंक का जोर आमतौर पर ऐसे ग्राहकों पर होता है, जिन्हें छोटे लोन की जरूरत हो और बड़े बैंक इन्हें टागरेट नहीं करते हों.
बैंकों की वेबसाइट के मुताबिक, छोटे बैंक जैसे RBL बैंक के पर्सनल लोन की ब्याज दरें 14 से 23 फीसदी, यस बैंक 10.99 से 20 फीसदी जबकि IDFC फर्स्ट बैंक 10.49 से 36 फीसदी के बीच पर्सनल लोन ऑफर कर रहे हैं. वहीं, बड़े बैंक जैसे SBI 11.05 से 14.05 फीसदी, PNB 10.40 से 16.95 फीसदी और ICICI बैंक 10.50 से 16.00 फीसदी पर पर्सनल लोन की पेशकश कर रहे हैं. ब्याज दरें क्रेडिट स्कोर समेत अन्य फैक्टर्स पर निर्भर करती हैं इसलिए लोन लेते समय इनमें घट-बढ़ हो सकती हैं.
अब तो आप समझ गए होंगे कि छोटे बैंक सेविंग अकाउंट पर क्यों ज्यादा ब्याज दे रहे हैं. अगर आप सेविंग अकाउंट में पैसे रखना चाहते हैं तो छोटे बैंक फायदेमंद रहेंगे. सेविंग अकाउंट में फिक्स्ड डिपॉजिट के मुकाबले लिक्विडिटी ज्यादा है. जब चाहे पैसे निकाल सकते हैं या ट्रांसफर कर सकते हैं. सरप्लस मनी होने पर उसे फिक्स्ड डिपॉजिट में रखना बेहतर है. लोन लेने के लिए बड़े बैंक ज्यादा ठीक हैं.
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