राहुल को जीवन बीमा पॉलिसी मैच्योर होने पर 5 लाख रुपए मिले हैं. उनका एसबीआई में बचत खाता है. वह इस पैसे को एफडी में लगाना चाहते हैं. बैंक गए तो पता चला कि 5 पांच साल की एफडी पर सालाना 6.5 फीसद ब्याज मिल रहा है.
राहुल ने घर आकर इंटरनेट पर छानबीन की तो वह हैरान रह गए. स्मॉल फाइनेंस बैंकों की पांच साल की एफडी में सालाना 9.1 फीसद तक का ब्याज मिल रहा है. राहुल समझ नहीं पा रहे कि स्मॉल फाइनेंस बैंक क्या हैं, ये देश के बड़े बैंकों से ज्यादा ब्याज कैसे दे रहे हैं, क्या स्मॉल फाइनेंस बैंक में उनका पैसा सुरक्षित रहेगा? राहुल जैसे भी लोग हैं जो इस तरह की उलझन में फंस जाते हैं.
क्या हैं स्मॉल फाइनेंस बैंक?
देश में बैंकिंग सेवाओं को बढ़ावा देने के लिए वर्ष 2014-15 के केंद्रीय बजट में स्मॉल फाइनेंस बैंक शुरू करने की घोषणा की गई थी. इसके बाद नवंबर में 2014 में आरबीआई ने स्मॉल फाइनेंस बैंकों के लिए लाइसेंस देने शुरू किए. इस समय देश में 12 स्मॉल फाइनेंस बैंक कार्यरत हैं. स्मॉल फाइनेंस बैंक… बड़े बैंकों की तरह सेविंग अकाउंट, करंट अकाउंट, एफडी, आरडी और लोन की सुविधाएं देते हैं. केवल इऩका कारोबार करने का क्षेत्र सीमित होता है. साथ ही ये बैंक एक सीमा तक ही लोन दे सकते हैं. स्मॉल फाइनेंस बैंक आरबीआई की ओर से रेगुलेट किए जाते हैं. इसलिए राहुल बिना संकोच के स्मॉल फाइनेंस बैंक की एफडी में निवेश कर सकते हैं.
कितना होगा फायदा?
अगर राहुल एसबीआई में पांच साल की एफडी में पांच लाख रुपए का निवेश करते हैं तो सालाना 6.5 फीसद की दर से मैच्योरिटी पर उन्हें कुल 6.90 लाख रुपए मिलेंगे. सर्वोदय स्मॉल फाइनेंस बैंक पांच साल की एफडी पर सालाना 9.1 फीसद ब्याज दे रहा है. अगर राहुल अपनी इस रकम को सर्वोदय स्मॉल फाइनेंस बैंक की एफडी में लगाते हैं तो उन्हें पांच साल बाद मैच्योरिटी पर 7.84 लाख रुपए मिलेंगे. इस तरह उन्हें बड़े बैंक की तुलना में 94,000 रुपए का फायदा हो सकता है. यह रिटर्न एसबीआई की तुलना में 33 फीसद ज्यादा है. अगर निवेश की रकम बड़ी है तो यह फायदा भी ज्यादा हो सकता है.
कितना सुरक्षित आपका पैसा?
बड़े बैंकों की तरह स्मॉल फाइनेंस बैंक भी आरबीआई के नियंत्रण में होते हैं. इसलिए इन बैकों में आपका पैसा डूबने की आशंका बहुत ही कम है. बड़े बैंकों की तरह स्मॉल फाइनेंस बैंकों में भी आपकी पांच लाख रुपए तक की रकम का डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गांरटी कॉर्पोरेशन (DICGC) की ओर से बीमा होता है. DICGC आरबीआई की सहायक इकाई है. इस तरह कह सकते हैं कि स्मॉल फाइनेंस बैंक में आपका पैसा देश के बड़े कमर्शियल बैंकों की तरह ही सुरक्षित है.
छोटे बैंक कैसे दे रहे ज्यादा ब्याज?
बैंकिंग एक्सपर्ट सुरेश बंसल कहते हैं कि आरबीआई का बैंकों के बचत खाते और एफडी की ब्याज दरों पर कोई नियंत्रण नहीं है. बैंक अपने हिसाब ब्याज दरें तय कर सकते हैं. स्मॉल फाइनेंस बैंक कम स्टाफ और सीमित संसाधनों में बेहतर प्रबंधन कर लेते हैं. आधुनिक टेक्नोलॉजी के जरिए ये बैंक अपने स्टाफ से ज्यादा काम भी ले लेते हैं. इस वजह से इनकी परिचालन लागत यानी ऑपरेशनल कॉस्ट कम आती है. इसी आधार पर ये बैंक, देश के बड़ों की तुलना में ज्यादा ब्याज ऑफर कर रहे हैं. पूर्व बैंकर सुरेश बंसल कहते हैं कि स्मॉल फाइनेंस बैंक आरबीआई की निगरानी में होते हैं इसलिए इन बैंकों में भयमुक्त होकर निवेश कर सकते हैं.
पर्सनल फाइनेंस पर ताजा अपडेट के लिए Money9 App डाउनलोड करें।