सरकार ने कुछ लघु बचत योजनाओं (Small Savings Schemes) की ब्याज दरें बढ़ाई हैं. इस बदलाव के बाद डाकघर की एक से तीन साल की टाइम डिपॉजिट (TD) स्कीम में अब पहले की तुलना में ज्यादा ब्याज मिलेगा. टीडी बैंकों की सावधि जमा (FD) की तरह काम करती है. पिछले कुछ महीनों में बैंकों ने भी अपनी एफडी की दरों में कई बार वृद्धि की है. अब मौजूदा स्थिति में अगर निवेश करना हो तो बैंक और पोस्ट ऑफिस की स्कीम में कौन सा विकल्प बेहतर रहेगा, इस पर गौर करने की जरूरत.
कहां कितना रिटर्न? निवेश के लिए सबसे पहले रिटर्न और जोखिम को देखा जाता है. अगर रिटर्न की तुलना करें तो अब पोस्ट ऑफिस की एफडी में एक साल की एफडी में सालाना 6.9 फीसद और दो व तीन साल की एफडी में 7 फीसद ब्याज मिल रहा है. पांच साल की एफडी में सबसे अधिक सालाना 7.5 फीसद के हिसाब से ब्याज दिया जा रहा है. अगर अब प्रमुख बैंकों की एफडी का रिटर्न देखें तो देश का सबसे बड़ा सरकारी बैंक एसबीआई (SBI) 1 से 2 साल की एफडी पर 6.80 फीसद और 2 से 3 साल की जमा पर 7 फीसद ब्याज दे रहा है जबकि 3 से 5 साल की एफडी पर 6.50 फीसद ब्याज ऑफर किया जा रहा है. पीएनबी (PNB) 1 से 5 साल की एफडी पर 6.50 से 7 फीसद तक ब्याज दे रहा है. अन्य सररकारी बैंक भी एफडी पर कमोबेश इसी तरह का ब्याज दे रहे हैं. बैंक एफडी में अगर आप मैच्योरिटी से पहले ब्याज लेने का विकल्प नहीं चुनते हैं तो यह ब्याज आपके मूल निवेश में जुड़ता रहेगा जिस पर चक्रवृद्धि ब्याज का लाभ मिलेगा. पोस्ट ऑफिस में ब्याज की गणना तिमाही आधार पर की जाती है लेकिन सालाना आधार पर ब्याज निवेशक के खाते में ट्रांसफर कर दिया जाता है. अगर निवेशक इस ब्याज के लिए क्लेम नहीं करता है तो उसे ब्याज पर ब्याज की सुविधा नहीं मिलती.
बैंक और पोस्ट ऑफिस की एफडी में अंतर अगर खूबियों की बात करें पोस्ट ऑफिस की टाइम डिपॉजिट स्कीम में सीनियर सिटीजन के लिए कोई अतिरिक्त ब्याज नहीं मिलता जबकि बैंक एफडी में सामान्य जमाकर्ताओं की तुलना में आधा फीसद तक अधिक ब्याज दिया जाता है. टाइम डिपॉजिट में जमाकर्ता को सालाना आधार पर ब्याज मिलता है जबकि एफडी में मासिक, तिमाही और सालाना ब्याज दिया जाता है. पोस्ट ऑफिसी की एफडी का लॉक इन पीरियड एक से 5 साल तक का होता है. बैंक एफडी में 7 दिन से लेकर 10 साल तक के निवेश की सुविधा होती है. टाइम डिपॉजिट में निवेश के छह महीने बाद ही पैसे निकाल सकते हैं, लेकिन एफडी में किसी भी वक्त पैसे निकालने का विकल्प है. हालांकि इस एवज में कुछ जुर्माना देना पड़ सकता है.
निवेश की सुरक्षा पोस्ट ऑफिस सरकारी संस्थान है. इसकी स्कीम में निवेश और रिटर्न पर सरकार की पूरी गारंटी होती है. इस हिसाब से पोस्ट ऑफिस का टीडी अकाउंट बैंकों की एफडी की तुलना में ज्यादा सुरक्षित होता है क्योंकि बैंकों की एफडी पर सिर्फ पांच लाख रुपए तक के निवश का बीमा कवर होता है. इसके लिए आरबीआई की सहायक इकाई डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन (DICGC) के जरिए बीमा कवर मिलता है.
क्या है बेहतर विकल्प? अगर निवेश की सुरक्षा के हिसाब से देखें तो पोस्ट ऑफिस की स्कीम ज्यादा सुरक्षित है. अगर रिटर्न की बात करें तो इस मोर्चे पर भी पोस्ट ऑफिस एफडी बेहतर साबित हो रही है. ऐसे में अगर आप एफडी में निवेश की सोच रहे हैं तो पहले ब्याज दरों की तुलना करें. इसके बाद आपके घर के पास बैंक नजदीक है या पोस्ट ऑफिस, इस बात का भी ध्यान रखें. इन तमाम मुद्दों पर विचार करने के बाद निवेश का फैसला लें.
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