Retirement Planning: कोविड की दूसरी लहर पहली के मुकाबले ज्यादा तबाही मचा रही है. इस महामारी ने लोगों को अपनी आदतें और कामकाज के तरीके से लेकर वित्तीय योजनाओं पर भी नए सिरे से सोचने के लिए मजबूर किया है.
ऐसे में जो लोग नौकरी से रिटायर हो रहे हैं उन्हें सरकारी गारंटी वाली स्कीमों में पैसा लगाना चाहिए. एक्सपर्ट्स ये सलाह दे रहे हैं.
इनवेस्टमेंट प्लानर्स कहते हैं कि मौजूदा माहौल में रिटायरमेंट के वक्त पर प्रॉविडेंट फंड और ग्रेच्युटी के तौर पर मिलने वाली रकम को ऐसी सुरक्षित स्कीमों में लगाना चाहिए जहां आपका पैसा सुरक्षित रहे और जिन पर आपको अपेक्षाकृत बढ़िया रिटर्न मिल सके.
क्या करें और क्या न करें
ज्यादातर इनवेस्टमेंट प्लानर्स कहते हैं कि निवेशकों को अपना पैसा बिलकुल सुरक्षित स्कीमों में लगाना चाहिए.
कोलकाता के इनवेस्टमेंट एडवाइजर अमिताभ गुहा सरकार कहते हैं, “अभी रिटायर हो रहे लोगों को मैं तीन नियम मानने की सलाह देता हूं. सबसे सुरक्षित स्कीमों में पैसा लगाएं, लंबे वक्त के लिए पैसा निवेश करें ताकि अच्छा रिटर्न मिले और सेविंग की आदत को बरकरार रखें क्योंकि इससे आपकी बढ़ते खर्चों को मैनेज करने में मदद मिलती है.”
इनवेस्टमेंट एडवाइजर चंद्रमोहन मुखर्जी कहते हैं, “मेरी पहली सलाह है कि सीनियर सीटीजंस सेविंग्स स्कीम और पीएम वय वंदना योजना में पैसा लगाएं. इन दोनों स्कीमों का पूरा इस्तेमाल करने के बाद ही आपको म्यूचुअल फंड्स में पैसा लगाना चाहिए.”
स्वर्णिम चतुर्भुज
गुहा सरकार के मुताबिक, चार गोल्डन स्कीमें ऐसी हैं जिनमें आप रिटायर होते वक्त निवेश करने के बारे में सोच सकते हैं.
1. सीनियर सिटीजन सेविंग्स स्कीम
इसमें आपको 7.4 फीसदी रिटर्न मिलता है. इसमें आपको तिमाही आधार पर ब्याज मिलता है और इसमें आप अधिकतम 15 लाख रुपये लगा सकते हैं.
2. पीएम वय वंदना योजना
इस स्कीम को LIC के जरिए चलाया जाता है. इसमें 10 साल का टेन्योर है और आपको 7.4 फीसदी रिटर्न मिलता है. आप मंथली, तिमाही, अर्ध वार्षिक या सालाना आधार पर इसमें पैसा लगा सकते हैं. ये स्कीम मार्च 2022 तक खुली रहेगी.
3. सरकारी सेविंग बॉन्ड (टैक्सेबल) 2018
इस साधन में 7 साल का टेन्योर है और इसमें 7.15 फीसदी ब्याज मिलता है. इन बॉन्ड्स में एक ऊपरी निवेश सीमा है. इन्हें कुछ बैंकों और स्टॉक होल्डिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया के जरिए बेचा जाता है.
4. पोस्ट ऑफिस मंथली इनकम प्लान
इस स्कीम में 5 साल के निवेश पर 6.6 फीसदी ब्याज मिलता है. इसमें अधिकतम 9 लाख रुपये निवेश कर सकते हैं. जैसा कि इसके नाम से जाहिर है इस पर मासिक आधार पर ब्याज मिलता है और इसे पोस्ट ऑफिस के जरिए बेचा जाता है.
इन सभी साधनों पर मिलने वाले ब्याज पर टैक्स लगता है.
एक प्लान के साथ शुरुआत करें
गुहा सरकार कहते हैं कि आपको रिटायरमेंट से पहले कुछ कैलकुलेशंस जरूर करनी चाहिए. इनमें से कुछ नीचे दी गई हैंः
1. रिटायरमेंट पर मिलने वाले अनुमानित अमाउंट को कैलकुलेट कीजिए.
2. रिटायरमेंट के बाद मंथली खर्चों का एक आकलन करें.
3. अलग-अलग स्कीमों में अपने निवेश तय करें.
4. इन निवेश से अपनी मंथली इनकम कैलकुलेट करें और खर्चों को मैच करने की कोशिश करें
5. टैक्स प्लानिंग करें ताकि टैक्स लाइबिलिटी को कम किया जा सके.
मुखर्जी कहते हैं, “इस बात में कोई शक नहीं है कि रिटायरमेंट फंड्स एक बड़ी अहमियत रखते हैं. उम्र के साथ हर शख्स की जोखिम लेने की क्षमता भी कम हो जाती है. ऐसे में निवेश करते वक्त सेफ्टी का पूरा ख्याल रखा जाना चाहिए.”
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