One year of Lockdown: महामारी आई और देश के इतिहास में पहली बार पूरी इकोनॉमी को बंद करना पड़ा. 24 मार्च 2020 का वो दिन, जब देश में लॉकडाउन (One year of Lockdown) की शुरुआत हुई. दुनियाभर में कोरोना की तबाही को देखते हुए देश के हर नागरिक को लॉकडाउन (Lockdown) पसंद आया. लेकिन, किसी ने यह नहीं सोचा था कि इकोनॉमी (Economy) बंद होने से कमाई और बचत पर भी चपत लगेगी. देश की GDP गिरी तो नौकरियां छिन गईं, बचत धीरे-धीरे खत्म होती चली गई. सबसे ज्यादा असर नौकरियों पर ही दिखाई दिया. इस बात गवाह EPFO का वो डाटा है, जिसने साबित किया किस तरह लॉकडाउन ने लोगों की जेब पर अटैक किया.
71 लाख से ज्यादा लोगों पर पड़ा असर अप्रैल 2020 से दिसंबर 2020 के बीच 71 लाख 01 हजार 929 लोगों ने अपने EPF खाते को बंद (EPF account closed) कर दिया. वहीं, साल 2019 में यह आंकड़ा 66 लाख के आसपास था. इनमें वो अकाउंट शामिल हैं, जो पूरी तरह बंद हुए हैं. हालांकि, इसी क्रम में नए खाते भी EPFO में जुड़े हैं. सबसे ज्यादा EPF काउंट अक्टूबर 2020 में बंद हुए. अक्टूबर में कुल 11 लाख 18 हजार 751 लोगों ने अपने EPF खाते को बंद कर दिया. इससे पहले सितंबर में 11 लाख 18 हजार 517 लोगों ने खाते बंद किए. अप्रैल से दिसंबर में बंद होने वाले खातों में सबसे ज्यादा क्लोजिंग सिर्फ इन दो महीने में हुई.
1 करोड़ से ज्यादा खाताधारकों ने निकाला पैसा कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) की तरफ से जारी किए गए आंकड़ों को देखें तो साबित होता है कि तरह लोगों की बचत पर भी चपत लगी. अप्रैल-दिसंबर 2020 के बीच प्रोविडेंट फंड (Provident Fund accounts) खाते से आंशिक निकासी करने वालों की संख्या भी बढ़ गई. कुल 1 करोड़ 27 लाख 72 हजार 120 लोगों ने अपने खाते पैसे निकाल लिए. 2019 तक यह आंकड़ा सिर्फ 54 लाख 42 हजार 884 था. अप्रैल से दिसंबर 2020 के बीच EPF खातों से कुल 73 हजार 498 करोड़ रुपए की निकासी हुई, जबकि 2019 में इसी अवधि में 55,125 करोड़ रुपए EPF खाते से निकाले गए थे.
कोरोना का EPF खातों पर कितना असर हुआ? यूं तो कोरोना वायरस महामारी (Coronavirus pandemic) का असर पूरी इकोनॉमी पर पड़ा लेकिन, सबसे ज्यादा असर नौकरी करने वालों पर दिखाई दिया. इंडस्ट्री में कॉस्ट कटिंग (Cost cutting), वर्क फ्रॉम होम (Work From Home) कल्चर में कई कंपनियों ने छंटनी कर दी और उद्योग बंद होने की वजह से भी लोगों की नौकरी छिन गई. यही नहीं, न्यू नॉर्मल तक पहुंचते-पहुंचते कई लोगों ने स्वैच्छिक रिटायरमेंट तक ले लिया. लॉकडाउन के दौरान EPF खाते बंद (Total EPF Account closed during lockdown) होने के पीछे तीन बड़ी वजह रहीं. पहला- सुपरएनुएशन (रिटायरमेंट), नौकरी चली जाना और कुछ लोगों ने नौकरी बदलने के दौरान भी पिछले EPF अकाउंट को बंद कर दिया.
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