मानसून की देरी का असर खरीफ फसलों की खेती पर पड़ रहा है. मानसून अभी तक दक्षिण पश्चिम महाराष्ट्र में अटका हुआ है. हालांकि मानसून पूर्व में पूर्वी बिहार और झारखंड तक पहुंच गया है. मौसम विभाग के मुताबिक अगले दो से तीन में पूर्वी उत्तर प्रदेश के कुछ इलाके, झारखंड, बिहार, ओडिशा, पश्चिम बंगाल के गंगा से सटे इलाकों और दक्षिण प्रायद्वीप के कुछ और इलाकों में मानसून के पहुंच सकता है. वहीं मानसून में देरी होने की वजह से खरीफ की खेती पिछड़ने लगी है.
कृषि मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक देशभर में दलहन का रकबा सबसे ज्यादा पिछड़ा हुआ है. आंकड़ों के मुताबिक 16 जून तक देशभर में सिर्फ 1.8 लाख हेक्टेयर में खरीफ दलहन की खेती दर्ज की गई है, जबकि पिछले साल इस अवधि में 4.22 लाख हेक्टेयर में खरीफ दलहन की खेती हुई थी. इसी तरह खरीफ तिलहन और धान का रकबा भी पिछले साल के मुकाबले पिछड़ा हुआ दिखाई पड़ रहा है. हालांकि कपास और मोटे अनाज की बुआई पिछले साल के मुकाबले आगे है. वहीं दूसरी ओर मानसून के पिछड़ने से कंपनियों के ऊपर अपने उत्पादन के साथ ही सप्लाई घटाने का दबाव है.
मानसून में देरी से कंपनियों के उत्पादन पर असर मानसून में देरी का असर कंपनियों के उत्पादन पर भी साफतौर पर दिखाई पड़ रहा है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कपड़ा, इलेक्ट्रॉनिक्स और स्मार्टफोन जैसे सेगमेंट की कंपनियों ने इस महीने उत्पादन और सप्लाई में 50 फीसद तक की भारी कटौती करने का फैसला किया है. दरअसल, कंपनियों का कहना है कि मौजूदा समय में मांग कम होने के साथ ही इन्वेंट्री भी ज्यादा है. कंपनियां इन्वेंट्री को त्योहारी सीजन से पहले निकालने की कोशिश में हैं. कई कंपनियों की ओर से दीवाली तक मांग में सुधार का अनुमान लगाया गया है. दरअसल, दीवाली तक खरीफ बुआई के साथ ही उत्पादन को लेकर तस्वीर कुछ हद तक साफ होने की उम्मीद है और यही वजह है कि कंपनियों ने दिवाली तक मांग में सुधार का अनुमान लगा रही हैं.
कंज्यूमर स्टेपल कंपनियां कर रही हैं स्टॉक मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मानसून की धीमी गति और अलनीनो की आशंका को देखते हुए एलटी फूड्स, जीआरएम ओवरसीज और तिरुपति एग्रीट्रेड जैसी कंज्यूमर स्टेपल कंपनियां सप्लाई को बनाए रखने के लिए सामान्य से ज्यादा मात्रा में स्टॉक कर रही हैं. इन कंपनियों ने अपने वितरकों को 25 दिन का स्टॉक रखने के लिए कहा है. वहीं कंपनियों ने अपने अनुबंधित किसानों को पानी की सप्लाई सुनिश्चित करने के लिए भी कदम उठा रही हैं, ताकि उनकी सप्लाई लाइन बाधित नहीं हो. वहीं आशंका यह भी जताई जा रही है कि अलनीनो की वजह से देश में फर्टिलाइजर और एग्रो कैमिकल प्रोडक्ट्स की बिक्री पर असर पड़ सकता है.
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