आजकल शहर हो या गांव हर जगह मॉल और बड़े-बड़े शोरूम खुलने लगे हैं. सोशल मीडिया के चलते गांव में भी अब लाइफस्टायल का स्तर काफी बढ़ गया है. ऐसे में छोटे शहरों में उपभोक्ता मांग में लगातार सुधार आ रहा है. इतना ही नहीं फैशन, पैकेज्ड फूड, कॉस्मेटिक्स, खाने-पीने की चीजों और लाइफस्टाइल एक्सेसरीज जैसी प्रीमियम श्रेणियों में लगातार ग्रोथ देखने को मिल रही है. यही वजह है कि भारतीय ई-कॉमर्स मार्केट का कारोबार वित्त वर्ष 2025-26 तक 9 लाख करोड़ तक पहुंचने की उम्मीद है. इसमें छोटे शहरों का अहम योगदान है. यहां तेजी से विकास देखने को मिल रहा है. इस बात की पुष्टि कंसल्टिंग फर्म रेडसीर की ओर से जारी एक रिपोर्ट में कही गई. ये रिपोर्ट डिजिटल पेमेंट संस्था, प्लूरल बाई पाईन लैब्स के सहयोग से तैयार की गई है.
जानकारों का कहना है कि छोटे शहरों में फैशन से लेकर फूड और एसेसरीज की मांग में तेजी देखने को मिली है. ट्रेंड से प्रेरित होकर रिटेलर्स महानगरों की तुलना में छोटे शहरों में तेजी से विस्तार कर रहे हैं. लोगों की बढ़ती मांग, डिजिटल भुगतान में आसानी और सोशल मीडिया इस तेजी को बढ़ावा दे रहे हैं. रिपोर्ट के मुताबिक ऑनलाइन खरीदारों की संख्या में भी आने वाले तीन वर्षो में 50 फीसद की बढ़ोतरी देखी जा सकती है. ऑनलाइन खरीदार 2025-26 तक 30 करोड़ तक पहुंचने की उम्मीद है.
सोशल मीडिया से पहुंच हुई आसान छोटे शहरों में लाइफस्टायल का स्तर बढ़ने के पीेछे सोशल मीडिया का एक अहम रोल है. जानकारों का कहना है कि आजकल हर ग्राहक के पास इंस्टाग्राम और यूट्यूब का एक्सेस है. सोशल मीडिया की वजह से उन्हें आसानी से ट्रेंड के बारे में पता होता है. यही वजह है कि ई-कॉमर्स तक उनकी पहुंच आसान हो गई है. अब वे घर बैठे आसानी से सामान मंगा लेते हैं.
डिजिटल पेमेंट से शॉपिंग हुई आसान भीड़भाड़ वाले शहरों से लेकर दूरदराज के गांवों तक, उपयोगकर्ताओं के लेन-देन के तरीके को बदलने में डिजिटल भुगतान की अहम भूमिका रही है. इसके चलते शॉपिंग आसान हो गई है. स्मार्टफोन और इंटरनेट के होने और बेहतर सरकारी नीतियों के चलते दूर-दराज के इलाकों में रहने वालों तक भी सुविधाएं पहुंच रही हैं.
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