सिलिकॉन वैली बैंक के डूबने के बाद अमेरिका के मझोले बैंकों में भगदड़ मच गई है. (Photo Credit: TV9 Bharatvarsh)
अमेरिका में महंगे हो रहे कर्ज की वजह से वहां पर कई छोटे और मझोले बैंक संकट में फंस गए हैं. सिलिकॉन वैली बैंक, फर्स्ट रिपब्लिक और सिग्नेचर बैंक सबसे पहले इस संकट की भेंट चढ़े हैं. अब पैकवेस्ट बैनकॉर्प और वेस्टर्न अलाइंस बैनकॉर्प भी इसी तरह के संकट का सामना कर रहे हैं. अमेरिकी शेयर बाजार में इन बैंकों के शेयरों में भारी गिरावट देखी जा रही है.
वित्तीय संकट में फंसने के बाद अमेरिका के रेगुलेटर एफडीआईसी (FDIC) ने फर्स्ट रिपब्लिक बैंक की संपत्तियां सीज कर दी थीं. अमेरिका के दिग्गज बैंक जेपी मॉर्गन ने संकटग्रस्त फर्स्ट रिपब्लिक बैंक का अधिग्रहण किया है. जेपी मॉर्गन डिपॉजिट के लिहाज से अमेरिका का सबसे बड़ा बैंक है. इससे पहले मार्च में सिलिकॉन वैली बैंक और सिग्नेचर बैंक डूब गए थे. माना जा रहा है कि अमेरिका के कई और रीजनल बैंक भी इसकी चपेट में आ सकते हैं.
दरअसल, सिलिकॉन वैली बैंक के डूबने के बाद अमेरिका के मझोले बैंकों में भगदड़ मच गई है. छोटे मझोले बैंक फेडरल रिजर्व से कर्ज लेने के लिए लाइन में लगे हैं. सिलिकॉन वैली बैंक के डूबने के बाद फेडरल रिजर्व ने बैंकों को इमर्जेंसी कर्ज देने के लिए एक डिस्काउंट विंडो खोल दी थी. बीते दिनों इस स्कीम के तहत बैंक करीब 54 अरब डॉलर का कर्ज ले चुके हैं. यहां तक कि विदेशी बैंक भी इस खिड़की से करीब 60 अरब डॉलर का कर्ज जुटा चुके हैं.
दरअसल बैंकों के पास रिजर्व नहीं बचे हैं ब्याज दर बढ़ने के बाद बैंकों के पास कर्ज लेने का रास्ता भी नहीं है. बैंकों को डर है कि अगर जमाकर्ता मांगने पर आ गए तो सिलिकॉन वैली बैंक जैसा हाल हो जाएगा. इसलिए फेड के दरवाजे पर कतार लगी है. इमर्जेंसी कर्ज के आंकडे बताते हैं कि फेड और एफआईडीसी से बैंकों को मिला इमर्जेंसी कर्ज मार्च के दूसरे सप्ताह में 152 अरब डॉलर से ऊपर निकल गय था जो 2008 के वित्तीय संकट के दिनों से भी ज्यादा था. अमेरिका में किसकी वजह से डूब रहे हैं बैंक, बैंक डूबने का क्या है इतिहास? इसके लिए देखिए मनी9 का खास शो- इकोनॉमिकम-
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