कोरोना संकट ने लोगों के बचत और निवेश को भी गड़बड़ा दिया है. पिछले साल यानी 2020 में जब कोरोना महामारी फैलना शुरू हुई और मार्केट में बिकवाली का दौर चला तो इक्विटी मार्केट हो या म्यूचुअल फंड, दोनों में ही निवेशकों को अच्छा-खासा नुकसान उठाना पड़ा, जिससे कुछ लोगों ने अपने निवेश को बेच दिया या रोक दिया. इनमें म्यूचुअल फंड SIP भी शामिल हैं.
पिछले साल लगा तगड़ा झटका
एसोसिएशन आफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (Amfi) के आंकड़ों के मुताबिक, बीते साल अप्रैल से लेकर अगस्त तक कुल 40.5 लाख लोग ऐसे थे, जिन्होंने अपनी SIP बंद कर दीं. पिछले साल की स्थिति दोबारा मार्केट पे दिखनी शुरू हो गई है. गत वर्ष की तुलना में अभी कोरोना की स्थिति ज्यादा भयंकर है. ऐसे में जिन्होंने म्यूचुअल फंड में इन्वेस्ट किया है उनके चहेरे पर चिंता की लकीरें दिख रही हैं.
निवेशकों के मन में उठ रहे सवाल
कोरोना की भयावह स्थिति पूरे देश में दिख रही है. हालांकि पिछले साल की तुलना में मार्केट ने उतना रिएक्ट नहीं किया है लेकिन, लोग अपने इन्वेस्टमेन्ट को लेकर पैनिक में हैं. इस माहौल को देखते हुए म्यूचुअल फंड (Mutual Funds) के निवेशकों के मन में कई सवाल हैं. मसलन, क्या मुझे अपने म्यूचुअल फंड्स की SIP को बंद कर देना चाहिए? क्या अभी मुझे एकमुश्त निवेश नहीं करना चाहिए? क्या मुझे एसआईपी की रकम बढ़ा देनी चाहिए? क्या मुझे डेट म्यूचुअल फंडों में स्विच करना चाहिए? इन सभी सवालों के जवाबों में एक कॉमन बात यहीं सामने आई है कि अपने निवेश को बनाए रखें और नए निवेश से दूर रहना चाहिए.
बैलेंस्ड फंड अच्छा विकल्प
जानकारों का कहना है कि मार्केट की अभी की स्थिति को ध्यान में रखते हुए बैलेंस्ड फंड एक अच्छा ऑप्शन है. 2020 में जब लार्ज कैप में 25 फीसदी से अधिक का नेगेटिव रिटर्न था, तब भी बैलेंस्ड फंड्स में 6 फीसदी पॉजिटिव रिटर्न मिला था. उनका कहना है कि अगर आप बिलकुल रिस्क नहीं लेना चाहते हैं तो लिक्विड फंड में स्विच ओवर करें. यहां आपको बैंक डिपॉजिट की तरह 6 या 7 फीसदी के आसपास रिटर्न मिलता है.
SIP के जरिए निवेश पर फोकस करें
मार्केट एक्सपर्ट बताते हैं कि इक्विटी यानी शेयर बाजार और उससे जुड़ी म्यूचुअल फंड्स स्कीम में लॉन्ग–टर्म इनवेस्टमेंट करना ही फायदेमंद होता है. SIP के जरिए डायवर्सिफाइड इक्विटी फंडों में निवेश आपकी लंबी अवधि के लक्ष्यों के लिए है.
शॉर्ट-टर्म में मार्केट की उठापटक से बिलकुल न घबराएं. अगर आप एकमुश्त या SIP की रकम बढ़ाकर ज्यादा निवेश करने के बारे में सोच रहे हैं तो ऐसा तभी करें अगर आपके वित्तीय लक्ष्य काफी दूर हों. केवल इसलिए निवेश नहीं करें कि बाजार अभी नीचे है. कोई भी निवेश घबराहट में नहीं करें. फिर चाहे वह शेयरों की बिक्री से जुड़ा हो या इनकी खरीदारी से.
हालांकि, निवेशकों को किसी भी निवेश से पहले अपने फाइनेंशियल एडवाइजर या फाइनेंशियल प्लानर से सलाह-मशविरा जरूर करना चाहिए. साथ ही अपनी खास परिस्थितियों को भी निवेश करते वक्त ध्यान में रखना चाहिए.
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