अपनी नियमित कमाई से अक्सर लोग निवेश करते हैं, लेकिन बेहतर रिटर्न तभी मिलेगा जब उसे पर्याप्त समय दिया जाए. म्यूचुअल फंड के मामले में लंबे समय तक टिकना और भी जरूरी होता है, क्योंकि इसमें कंपाउंडिंग का जबरदस्त फायदा मिलता है. हाल के दिनों में म्यूचुअल फंड ने निवेशकों को शानदार रिटर्न दिया है. इसके बावजूद बहुत से लोग इसका पूरा फायदा नहीं उठा पा रहे हैं क्योंकि निवेशक जल्दी इससे एग्जिट हो रहे हैं.
एक ताजा रिपोर्ट के अनुसार भारत में जितनी तेजी से लोग म्यूचुअल फंड में निवेश कर रहे हैं, उतनी ही तेजी से उससे बाहर भी निकल रहे हैं. वित्त वर्ष 2023-24 के आंकड़ों को देखें तो म्यूचुअल फंड्स में एसआईपी के जरिए निवेश करने वालों का आंकड़ा बढ़कर 28 फीसद हो गया है. वहीं एसआईपी से निकासी के मामले में 54 प्रतिशत की ग्रोथ देखी गई है.
खाते बंद होने की बढ़ी संख्या
एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया यानि एंफी की ताजा रिपोर्ट के अनुसार 2023-24 के दौरान लोगों ने एसआईपी से 11 लाख करोड़ रुपए निकाले हैं. जबकि 2022-23 में ये आंकड़ा 72,100 करोड़ रुपए था. इसी वजह से एसआईपी से म्यूचुअल फंड में आने वाले निवेश की ग्रोथ बेहद मामूली रही है. वहीं FY24 में 4.28 करोड़ SIP खाते रजिस्टर हुए, जो FY23 की तुलना में 71 प्रतिशत ज्यादा है. मगर दूसरी ओर 2.24 करोड़ एसआईपी खाते बंद हुए. यह आंकड़ा वित्त वर्ष 23 की तुलना में 56 प्रतिशत अधिक है.
वित्त वर्ष 2023-24 के आंकड़ों को देखें तो म्यूचुअल फंड्स में एसआईपी से कुल 20 लाख करोड़ रुपए आया है, जबकि इससे पिछले साल में 16 लाख करोड़ रुपए ही एसआईपी से म्यूचुअल फंड में आया था. अगर सिर्फ एसआईपी की ग्रोथ को देखें तो 2023-24 में नेट एसआईपी ग्रोथ 4.9 प्रतिशत रही है. वित्त वर्ष में 2023-24 में लोगों ने एसआईपी में 87,971 करोड़ रुपए निवेश किया. जबकि 2022-23 में ये निवेश 83,873 करोड़ रुपए था.
क्या है एक्पर्ट की राय?
सेबी रजिस्टर्ड इंवेस्टमेंट एडवाइजर जितेंद्र सोलंकी कहते हैं कि म्यूचुअल फंड ने पिछले एक से दो साल में तगड़ा रिटर्न दिया है. ऐसे में मोटा रिटर्न देखकर लोग पैसा निकाल रहे हैं. युवा निवेशक छोटी अवधि में मोटा मुनाफा देख म्यूचुअल फंड से बाहर निकल रहे हैं, लेकिन ये निवेश का बेहतर तरीका नहीं है. आपने जिस लक्ष्य के साथ म्युचुअल फंड में निवेश किया था और उसके लिए एक से दो साल बाद पैसों की आवश्यकता पड़ेगी तो बेहतर होगा कि आप स्मॉल या मिडकैप से पैसा निकाल कर डेट फंड में सुरक्षित कर लें. अगर आपका लक्ष्य 10 से 15 वर्ष दूर है तो बेहतर होगा कि आप सही फंड में बने रहें.
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