स्मॉलकैप फंड्स ने पिछले तीन साल में करीब 40 फीसद का जबर्दस्त रिटर्न दिया है. ये देखकर किसी का मन ललचा सकता है. शानदार रिटर्न की वजह से अब युवा भी इन फंड में निवेश के लिए काफी आकर्षित हो रहे हैं. लेकिन इस बड़े रिटर्न को देखकर आप लालच में आएं, इससे पहले यह समझ लें कि स्मॉलकैप म्यूचुअल फंड क्या होते हैं? इनमें जबर्दस्त रिटर्न की क्या वजह रही और स्मॉलकैप फंड में किस तरह के लोगों को पैसा लगाना चाहिए?
स्मॉलकैप फंड अपने निवेश का कम से कम 65% हिस्सा स्मॉलकैप शेयरों या इनकी इक्विटी से जुड़े साधनों में लगाते हैं. यानी स्मॉलकैप फंड्स ऐसी कंपनियों के शेयरों में निवेश करते हैं, जो नई या छोटे आकार की होती हैं. इनमें शुरू में ही निवेश करने का फायदा यह होता है कि आगे जब ऐसी कंपनियां तरक्की करती हैं, तो निवेशकों को ऊंचा रिटर्न मिलने की पूरी गुंजाइश होती है.
स्मॉलकैप फंड्स में रिटर्न तो अच्छा मिलता है, लेकिन इनमें काफी ऊंचा जोखिम होता है. ये काफी उतार-चढ़ाव वाले होते हैं. आमतौर पर छोटी कंपनियों के विस्तार में समय लगता है. यही नहीं, स्मॉलकैप कंपनियों के शेयर कीमतों पर बाजार में किसी तरह के उतार-चढ़ाव का तत्काल असर दिख जाता है, भले ही वह कितना भी कम हो.
कोई भी व्यक्ति अपने जोखिम लेने की क्षमता और निवेश के होराइजन के मुताबिक स्मॉलकैप फंड्स का चुनाव कर सकता है. आमतौर पर स्मॉलकैप फंड्स में ऊंचा जोखिम लेने की क्षमता और निवेश के लिए लंबी अवधि का होराइजन होना चाहिए. यानी यह उन निवेशकों के लिए सही है जो लॉन्ग टर्म के लिए इनवेस्टमेंट करना चाह रहे हैं और ज्यादा जोखिम ले सकते हैं.
किस तरह से लगता है टैक्स?
स्मॉलकैप म्यूचुअल फंड में टैक्स इक्विटी म्यूचुअल फंड्स की तरह लगता है. आप अगर अपने इक्विटी फंड की यूनिट को खरीद के एक साल के भीतर रिडीम करते हैं तो शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन्स लगता है. आपका इनकम टैक्स ब्रैकेट कुछ भी हो, इन फंड्स से होने वाले गेन्स पर एकमुश्त 15% का टैक्स लगता है.
किसी इक्विटी फंड में एक साल से ज्यादा यूनिट रखने पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स लगता है. लेकिन इसमें भी 1 लाख रुपए तक का फायदा टैक्स मुक्त होता है, 1 लाख से ऊपर के फायदे पर आपको 10 फीसद के हिसाब से टैक्स देना पड़ता है और इसमें आपको इंडेक्सेशन का भी फायदा नहीं मिलता.
कितना मिला है रिटर्न
रिटर्न की बात करें तो पिछले 5 और 10 साल में स्मॉलकैप फंड्स ने S&P BSE 250 स्मॉलकैप इंडेक्स बेंचमार्क से बेहतर रिटर्न दिया है. पिछले तीन साल में तो स्मॉलकैप फंड में करीब 40 फीसद का रिटर्न मिला है. लेकिन इस शानदार रिटर्न की एक बड़ी वजह बेस इफेक्ट भी है. तीन साल पहले मार्च 2020 में देश में कोरोना की वजह से लॉकडाउन लग गए थे. इससे शेयर बाजार धड़ाम हो गया था. अगर क्वांट स्मॉलकैप फंड का ही उदाहरण लें, तो उस दौरान इसमें करीब 44 फीसद तक की गिरावट आ गई थी.
क्या कहते हैं एक्सपर्ट?
एपसिलॉन मनीमार्ट के प्रोडक्ट्स हेड नितिन राव कहते हैं कि पिछले एक साल में स्मॉलकैप में रिटर्न अच्छा नहीं रहा. इस कैटेगिरी में अच्छा रिटर्न मिलता है, लेकिन उतार-चढ़ाव भी काफी ज्यादा होता है. तो अगर आप ज्यादा जोखिम ले सकते हैं. तो ही स्मॉलकैप फंड में निवेश करें.’
कई बार जब माहौल अनुकूल होता है तो स्मॉलकैप फंड दूसरे इक्विटी ओरिएंटेड फंड से बेहतर प्रदर्शन करते हैं. अक्सर यह देखा जाता है कि बढ़त हुई तो आपका पैसा खूब तेजी से बढ़ता है, लेकिन जब ये टूटते हैं तो नुकसान भी खूब होता है. इसी वजह से इनमें जोखिम काफी ज्यादा होता है.
मंदी के बाजार में छोटी कंपनियां अच्छा प्रदर्शन करने में विफल रहती हैं, क्योंकि चुनौतीपूर्ण बाजार दशाओं से जूझने के लिए इनके पास पर्याप्त वित्तीय संसाधन नहीं होते. इसलिए इनमें काफी उतार-चढ़ाव होता है.
एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया के डेटा से यह पता चलता है कि स्मॉलकैप फंड में निवेश जनवरी 2023 में 2,255.85 करोड़ रुपए, फरवरी में 2,246.30 करोड़ रुपए और मार्च में 2,430.04 करोड़ रुपए का रहा.
इसी तरह आंकड़ों से पता चलता है कि मार्च 2023 तक के एक साल में स्मॉलकैप म्यूचुअल फंड्स का नेट एसेट अंडर मैनेजमेंट 25 फीसद तक बढ़ गया है.
युवा हो रहे आकर्षित
स्मॉलकैप फंड्स का युवा निवेशकों में आकर्षण बढ़ रहा है. इसकी वजह यह है कि मिलेनियल्स में भी अब वित्तीय साधनों के बारे में जागरूकता बढ़ रही है.
अगले 5 से 7 साल में युवा निवेशकों के पास इस तरह के वित्तीय साधन होंगे कि वे इन फंड में उतार-चढ़ाव को सहन कर सकें…इससे वे रिटायरमेंट, बच्चों की पढ़ाई जैसे लॉन्ग टर्म के ऑब्जेक्टिव की प्लानिंग भी कर पाएंगे.
किन बातों का रखें ध्यान
अगर कोई निवेशक स्मॉलकैप फंड में निवेश करना चाहता है तो उसे सिर्फ फंड के रिटर्न पर ही ध्यान नहीं देना चाहिए, बल्कि फंड के रिटर्न की तुलना उसके बेंचमार्क के प्रदर्शन से करना चाहिए और इसके बाद कोई निर्णय लेना चाहिए.वित्तीय जानकार यह सलाह भी देते हैं स्मॉलकैप म्यूचुअल फंड्स में आपको सिस्टमेटिक इनवेस्टमेंट प्लान के जरिए ही निवेश करना चाहिए. इनमें निवेश से पहले आपको अपने वित्तीय लक्ष्य, जोखिम सहने की क्षमता और निवेश होराइजन पर जरूर विचार करना चाहिए. अपने पोर्टफोलियो का छोटा हिस्सा ही स्मॉलकैप में लगाएं ताकि ज्यादा नुकसान की गुंजाइश न रहे.
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