निवेश के लिए म्यूचुअल फंड पर निवेशकों का भरोसा लंबे समय से न सिर्फ बना हुआ है बल्कि इसमें लगातार बढ़ोतरी देखने को मिल रही है. परंपरागत रूप से निवेशकों का भरोसा एक्टिव फंड पर ज्यादा रहा है जहां फंड मैनेजर अपने विवेक से निवेश का निर्णय करता है. हालांकि पिछले कुछ वर्षों में निवेशकों को निवेश के लिए एक नया विकल्प मिला जिसे हम पैसिव फंड कहते हैं. तो सबसे पहले समझते हैं कि पैसिव फंड क्या होते हैं.
पैसिव म्यूचुअल फंड किसी विशेष इंडेक्स जैसे निफ्टी, सेंसेक्स का आईना होते है. यह एक्टिव फंड की तरह शेयर बाजार को आउटपरफॉर्म नहीं करते हैं बल्कि इनका मुख्य उद्देश किसी विशेष फंड के प्रदर्शन के बराबर का रिटर्न देना होता है. चूंकि इस तरह के फंड इंडेक्स को ही फॉलो करते हैं इसलिए इनमें एक्टिव फंड के जैसा उतार-चढ़ाव नहीं होता है. इस तरह के फंड नए निवेशकों के लिए ज्यादा बेहतर होते हैं या ऐसे निवेशकों को इनमें निवेश करना चाहिए जिन्हें सुरक्षित रिटर्न चाहिए. अब समझते हैं कि पैसिव फंड कितने प्रकार के होते हैं. 1. सबसे पहले बात करते हैं ETF की. ईटीएफ पैसिव फंड में सबसे लोकप्रिय फंड्स में से है और इनमें शेयर बाजार और म्यूचुअल फंड दोनों का लाभ मिलता है. ईटीएफ के माध्यम से निवेशक शेयर बाजार, कमोडिटी और बॉन्ड्स में निवेश कर सकते हैं. ईटीएफ में शेयर बाजार की तरह ही कभी भी खरीदारी और बिकवाली कर सकते हैं. ईटीएफ में निवेश के लिए डीमैट अकाउंट होना आवश्यक है.
2. दूसरा पैसिव फंड है इंडेक्स म्यूचुअल फंड. ये फंड किसी मार्केट इंडेक्स की परछाई की तरह होते हैं. इस तरह के फंड विशेष मार्केट इंडेक्स में शामिल कंपनियों में उसी अनुपात में निवेश करते हैं. इंडेक्स म्यूचुअल फंड और ईटीएफ में मुख्य अंतर ये है कि ईटीएफ में निवेशक दिन में कभी भी खरीदारी और बिकवाली कर सकते हैं जबकि इंडेक्स फंड में एनएवी के आधार पर खरीद बिक्री की जाती है.
3. तीसरी तरह का पैसिव फंड है फंड ऑफ फंड्स. इस तरह के फंड सीधे शेयर बाजार, कमोडिटी या बॉन्ड में पैसा न लगाकर ऐसे म्यूचुअल फंड में निवेश करते हैं जो इनमें सीधे निवेश करते हैं. FoF फंड भी 2 तरह के होते हैं. पहली कैटेगरी के फंड घरेलू म्यूचुअल फंड में निवेश करते हैं. जबकि दूसरी तरह के फंड ऑफ फंड्स ऐसे विदेशी म्यूचुअल फंड में निवेश करते हैं जिनका निवेश विदेश की कंपनियों में होता है. फंड ऑफ फंड्स में निवेश से निवेशकों का पोर्टफोलियो डायवर्सिफाई होता है और जोखिम भी कम होता है.
अब महत्वपूर्ण सवाल ये है कि आपको किस तरह के पैसिव फंड में निवेश करना चाहिए? तो जानकारों के मुताबिक निवेशकों को अलग-अलग तरीके के इंडेक्स फंड, ईटीएफ में निवेश करना चाहिए. पोर्टफोलियो में अपने लक्ष्य के मुताबिक संतुलित पोर्टफोलियो बनाना चाहिए.
Wiseinvest के सीईओ हेमंत रुस्तगी कहते हैं कि ईटीएफ उन निवेशकों के लिए बढ़िया विकल्प है जिनके पास डीमैट अकाउंट है और जो स्टॉक खरीदना-बेचना जानते हैं. इंडेक्स फंड उन निवेशकों के लिए बेहतर हैं जो शेयर बाजार के एक्शन का लाभ लेना तो चाहते हैं लेकिन ट्रेडिंग के बारे में उन्हें जानकारी नहीं है. हालांकि इंडेक्स फंड ईटीएफ के मुकाबले थोड़ा महंगे जरूर पड़ते हैं. फंड ऑफ फंड्स पर टैक्स डेट फंड के आधार पर लगता है तो इसमें टैक्स बेनिफिट नहीं मिलता है और ये फंड्स इंडेक्स और ईटीएफ से ज्यादा महंगे होते हैं. हालांकि फंड ऑफ फंड्स उन निवेशकों के लिए बढ़िया विकल्प होता है जो अंतरराष्ट्रीय बाजारों में निवेश करना चाहते हैं.
मनी9 की सलाह ईटीएफ और इंडेक्स फंड के प्रति जिस तरीके से आकर्षण बढ़ रहा है उसमें निवेशकों को ये नहीं भूलना चाहिए कि इनमें भी जोखिम होता है. पैसिव फंड में निवेश करने से पहले ट्रैकिंग एरर पर जरूर नजर बनाए रखें. ट्रैकिंग एरर जितना कम होगा फंड का प्रदर्शन उतना ही अच्छा होगा. सभी निवेश पैसिव फंड में मत करें, कुल निवेश का एक हिस्सा ही पैसिव फंड में निवेश करें. आपकी जरूरत के हिसाब से कौन सा म्यूचुअल फंड आपके लिए बेहतर रहेगा इसके लिए अपने वित्तीय सलाहकार की राय जरूर लें.
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