पूंजी बाजार नियामक सेबी ने कारोबारी सुगमता को बढ़ावा देने के लिए ज्वाइंट म्यूचुअल फंड अकाउंट्स के लिए किसी व्यक्ति को नॉमिनी बनाना ऑप्शनल कर दिया है. मतलब अगर आप म्यूचुअल फंडों में ज्वाइंट अकाउंट्स (Mutual Funds Joint Account) के जरिये निवेश करते हैं तो किसी को नॉमिनी बनाना वैकल्पिक होगा. इसके अलावा, सेबी ने ‘फंड हाउस’ को कमोडिटी और विदेशी निवेश की निगरानी के लिए एक ही ‘फंड मैनेजर’ रखने की अनुमति दी है. इससे उसके प्रबंधन की लागत कम होगी.
सेबी ने यह कदम उसके द्वारा गठित एक वर्किंग ग्रुप द्वारा म्यूचुअल फंड रेगुलेशंस की समीक्षा करने तथा कारोबार को आसान बनाने के लिए उपायों की सिफारिश करने के बाद उठाए हैं. वर्किंग ग्रुप की सिफारिश के आधार पर एक सार्वजनिक परामर्श किया गया, जिसमें ज्वाइंट म्यूचुअल फंड खातों में किसी को नॉमिनी बनाने को वैकल्पिक करने और ‘फंड हाउस’ को कमोडिटी तथा विदेशी निवेशों की देखरेख के लिए एक ही फंड मैनेजर रखने की अनुमति देने का विकल्प सुझाया गया.
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (Sebi) ने एक सर्कुलर में कहा है कि यह निर्णय लिया गया है कि ज्वाइंट म्यूचुअल फंड फोलियो में किसी को नामित करना ऑप्शनल होगा.
विशेषज्ञों का मानना है कि संयुक्त धारकों के लिए किसी को नामित करने की आवश्यकताओं में छूट फायदेमंद होगी. इससे जीवित सदस्य नामित माना जाएगा जिससे नामांकन की प्रक्रिया सुगम बनेगी.
नियामक ने सभी मौजूदा व्यक्तिगत म्यूचुअल फंड धारकों के लिए किसी व्यक्ति को नामित करने की आखिरी तारीख 30 जून 2024 तय की है. यदि वे इसका पालन करने में विफल रहते हैं, तो उनके खाते निकासी के लिए ‘फ्रीज’ कर दिए जाएंगे. एक अलग परिपत्र में नियामक ने फंड मैनेजर के संबंध में मौजूदा प्रावधान को आसान बनाने की जानकारी दी.
सेबी ने कहा कि कमोडिटी आधारित फंड्स जैसे गोल्ड ईटीएफ (एक्सचेंज ट्रेडेड फंड), सिल्वर ईटीएफ और कमोडिटी मार्केट में भाग लेने वाले दूसरे फंड के लिए डेडिकेटेड फंड मैनेजर की नियुक्ति वैकल्पिक होगी. साथ ही, विदेशी निवेश करने के लिए भी डेडिकेटेड फंड मैनेजर की नियुक्ति वैकल्पिक होगी. घरेलू और विदेशी/कमोडिटी फंड के लिए एक फंड मैनेजर की नियुक्ति का मकसद उसके प्रबंधन की लागत को कम करना है.
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