सिस्टेमैटिक इनवेस्टमेंट प्लान या सिप का नाम अब घर-घर पहुंच चुका है. छोटी-छोटी बचत कर लंबी अवधि में एक बड़ी संपत्ति बनाने का यह अब एक लोकप्रिय टूल बन चुका है. सिप में अनुशासित निवेश के साथ एक लंबी अवधि में महंगाई को मात देने वाला रिटर्न आसानी से हासिल किया जा सकता है. विशेषज्ञों के मुताबिक 15 फीसदी सालाना रिटर्न देने वाले किसी स्मॉल या मिडकैप फंड में हर महीने 10,000 रुपए का निवेश करने पर 17 से 18 साल में कोई भी व्यति करोड़पति बन सकता है.
आंकड़ें बताते हैं कि 10 साल की अवधि में, स्मॉलकैप कैटेगरी का रिटर्न 18 से 19 फीसदी के बीच रहा है. वहीं इस अवधि में मिडकैप ने 17 फीसदी का रिटर्न दिया है. मल्टीकैप फंड्स का रिटर्न इस अवधि में करीब 16 फीसदी रहा है. इस साल जून के हिसाब से देखा जाए तो, बीएसई के मिडकैप इंडेक्स ने 10 साल में 382.5 फीसदी का रिटर्न दिया है. वहीं स्मॉलकैप इंडेक्स का रिटर्न 477.7 फीसदी रहा है.
जिस तरह अनुशासन का कठोरता से पालन कर सफलता आसानी से पाई जा सकती है. ठीक उसी तरह सिप में अनुशासित निवेश के जरिये बजार की उठापटक और महंगाई से सुरक्षा हासिल की जा सकती है. सुविधाजनक, पारदर्शी होने के साथ-साथ सिप में कंपाउंडिंग की शक्ति भी है, जो इसे निवेशकों के लिए एक पसंदीदा निवेश विकल्प बनाती है.
एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (एम्फी) केआंकड़ों के मुताबिक इस साल जून में सबसे ज्यादा 27 लाख से ज्यादा नए सिप खाते खोले गए हैं. इन नए खातों के साथ सिप के अधीन संपत्ति 7.93 लाख करोड़ रुपए हो गया है. जून महीने में SIP के जरिए 14,734 करोड़ रुपए का निवेश हुआ है. यह लगातार चौथा महीना है जब सिप इनफ्लो 14,000 करोड़ रुपए से अधिक रहा है.