जनवरी महीने में 16.44 नए SIP अकाउंट रजिस्टर हुए हैं . एसोशिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स ऑफ इंडिया (AMFI) के मुताबिक इतनी बड़ी तादाद में SIP रजिस्ट्रेशन 2018 में नजर आई थी जब 12.9 लाख SIP खाते रजिस्टर हुए थे. एक तरफ MF से रिडेंपशन 42,257 करोड़ रुपये पर नजर आ रहा है तो वहीं रिकॉर्ड स्तर पर नए SIP अकाउंट भी रजिस्टर हो रहें हैं. नए इन्वेस्टर इक्विटी म्यूचुअल फंड में अब रुचि दिखा रहें हैं. इसके पीछे बड़ी वजह है कि बैंकों के गिरते ब्याज दरों ने फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) के रिटर्न पर दबाव बना दिया है. दूसरी तरफ बाजारों की बढ़त रिटर्न देने में FD को पीछे छोड़ रही है.
आनंद राठी वेल्थ मैनेजर्स (AnandRathi Wealth Managers) के डिप्टी CEO फिरोज अजीज कहते हैं कि कोरोना काल में भी SIP बंद नहीं हुए और अब इनके बढ़ते रजिस्ट्रेशन बता रहें हैं कि भारतीय इन्वेस्टर इसकी अहमियत समझ रहें हैं. म्यूचुअल फंड रिटर्न देने में दूसरे एसेट के मुकाबले अच्छा प्रदर्शन दिखाते हैं. साथ ही सुरक्षा के लिहाज से भी बेहतर हैं इसलिए SIP निवेश पॉपुलर हो रहा है.
कोरोना काल में बाजार गिरता दिखा लेकिन डीमैट अकाउंट होल्डर्स बढ़े. और अब MF में SIP अकाउंट की बढ़ोतरी बता रही हैं कि इन्वेस्टर बाजार की बढ़त का फायदा उठाना सीख रहें हैं. SIP की सबसे बड़ी खास बात है कि केवल हर महीने 500 रुपये से ही इसकी शुरुआत हो सकती है. आनंद राठी वेल्थ मैनेजर्स के फिरोज अजीज बताते हैं कि अगर कोई लगातार 20 साल तक केवल 1000 रुपये हर महीने SIP के जरिए इन्वेस्ट करे तो 20 साल में 20 लाख रुपये तक का कॉर्पस जमा कर सकते हैं. वहीं रिकरिंग डिपॉजिट में इस तरह का निवेश केवल 5-5.50 लाख रुपये तक का ही जमा हो पाएगा. फैसला आपका है.
आनंद राठी वेल्थ मैनेजर्स के डिप्टी CEO फिरोज अजीज के साथ पूरी बातचीत देखिए इस वीडियो में –