Sectoral Fund: भारतीय शेयर बाजार में लगातार तेजी जारी है. निफ्टी 25,000 का स्तर कभी भी पार कर सकता है. 29 जुलाई को कारोबार के दौरान इसने 24,999.75 का स्तर छुआ था. दूसरी तरफ, 8 कोर इंडस्ट्रीज का मिला जुला इंडेक्स FY24 (अप्रैल-मार्च) के लिए 157.8 रहा, जबकि FY23 (अप्रैल-मार्च) के लिए यह 146.7 था. अप्रैल 2024 में यह इंडेक्स 160.5 पर था. इस साल जून में सकल वस्तु एवं सेवा कर राजस्व (Gross GST Revenue) संग्रह 1.74 लाख करोड़ रुपये रहा. बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के विकास और टेक्नोलॉजिकल इनोवेशन में तेजी हो रही प्रगति अच्छे भविष्य की और संकेत कर रहे हैं.
घरेलू संस्थागत निवेशक (DII) खरीदारी में जुटे हैं. DII और विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) के बीच का अंतर अब मुश्किल से 9 फीसदी रह गया है. उम्मीद है कि निवेश के मामले में डीआईआई जल्द ही एफआईआई से आगे निकल जाएगा. कोई आश्चर्य नहीं कि कोर सेक्टर इस विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है.
अब सवाल उठता है कि बाजार की इस तेजी के समय जहां सेक्टोरल फंडों ने शानदार रिटर्न दिया है, क्या उनमें नया निवेश करना चाहिए? 23 जुलाई को पेश बजट में सरकार का जोर जिन क्षेत्रों पर देखा गया. उसके अनुसार अब भी सेक्टोरल फंडों में निवेश का अवसर बन सकता है. पावर, इंफ्रा, बैंकिंग, फाइनेंशियल सर्विसेज, इनोवेशन और कंजंप्शन थीम में निवेश से बेहतर रिटर्न मिल सकता है. उदाहरण के लिए, निप्पॉन इंडिया पावर एंड इंफ्रा फंड ने पिछले एक साल में 82.73 फीसदी का रिटर्न दिया है. फंड हाउस के फार्मा और कंजंप्शन फंड ने भी क्रमशः 40.92 फीसदी और 39.34 फीसदी का रिटर्न दिया है. निप्पॉन इंडिया इनोवेशन फंड ने 10 महीने पहले लॉन्च होने के बाद से 47.92 फीसदी का रिटर्न दिया है, जबकि निप्पॉन इंडिया बैंकिंग फंड ने 25.95 फीसदी रिटर्न दिया है. सेक्टोरल या थीमैटिक फंडों की बात करें तो आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल म्यूचुअल फंड, एक्सिस म्यूचुअल फंड और आदित्य बिड़ला के सेक्टोरल फंडों ने भी निवेश पर दहाई अंकों का रिटर्न दिया है.
वेल्थवॉल्ट रिसर्च एंड एनालिटिक्स प्राइवेट लिमिटेड के विकास भट्टू के अनुसार, पिछले एक साल में सभी प्रमुख सेक्टोरल फंड्स ने निवेशकों को बेहतर रिटर्न दिया है. मजबूत इंडिकेटर और सरकार की नीतिगत पहलों को देखते हुए अपने पोर्टफोलियो को डायवर्सिफाइ करना और इंफ्रास्ट्रक्चर, फाइनेंशियल सर्विसेज और इनोवेशन फंड्स में निवेश करना समझदारी है. हालांकि, ये आपके नॉन-कोर पोर्टफोलियो का हिस्सा हो सकते हैं. आपको बता दें कि एसबीआई म्यूचुअल फंड के इनोवेटिव ऑपोर्च्युनिटीज फंड का एनएफओ 29 जुलाई को खुला है जो 12 अगस्त तक खुला रहेगा.
अगर आप प्रमुख सेक्टर फंडों में कैटेगरी के रिटर्न को देखें तो इंफ्रास्ट्रक्चर ने 46.05%, कंजंप्शन फंड ने 47%, फार्मा फंड ने 47.06% और टेक्नोलॉजी आधारित फंड ने 30% से अधिक रिटर्न दिया है. कुल मिलाकर, पिछले एक साल में सेक्टोरल फंडों ने निवेश पर 44.40% रिटर्न दिया है.
सेक्टोरल या थीमैटिक फंड दूसरे डायवर्सिफायड फंडों की तुलना में अधिक जोखिम वाले होते हैं. इनमें निवेश करने से पहले आपको किसी फाइनेंशियल एडवाइजर की सलाह जरूर लेनी चाहिए.
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