क्या आप भी म्यूचुअल फंड के रास्ते विदेशी बाजारों में निवेश करते हैं? अगर आपका जवाब हां है तो यह खबर आपके लिए है. शेयर बाजार नियामक सिक्योरिटी एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया यानी सेबी (SEBI) ने एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स ऑफ इंडिया (AMFI) से ऐसे म्यूचुअल फंड में नया निवेश लेने से मना किया है जिनका निवेश विदेशों में लिस्ट ईटीएफ में जाता है. तो अगर आप किसी ऐसी म्यूचुअल फंड स्कीम में पैसा लगाते हैं जिसका निवेश विदेशी ईटीएफ में होता है तो हो अब आप नया निवेश नहीं कर पाएंगे.
ऐसा क्यों हुआ?
दरअसल म्यूचुअल फंड दो तरह से विदेशी बाजार में निवेश करते हैं. पहला तरीका सीधे स्टॉक्स खरीदना और दूसरा ऐसे ईटीएफ की यूनिट खरीदना जो बाजार में निवेश करते हैं. सीधे स्टॉक्स खरीदने वाले म्यूचुअल फंड की लिमिट 7 अरब डॉलर तय है. जबकि इटीएफ में निवेश की लिमिट 1 अरब डॉलर है. म्यूचुअल फंड अपनी इस लिमिट के करीब पहुंच चुके हैं जिस वजह से सेबी ने यह निर्देश दिया है.
पहले भी सेबी ने लगाई थी रोक
इससे पहले सेबी ने सीधे स्टॉक में पैसे लगाने वाले म्यूचुअल फंड को भी नया निवेश लेने से रोक दिया था. यह जनवरी 2022 की बात है. हालंकि इसके बाद 2023 में कुछ म्यूचुअल फंड्स को राहत दी गई थी जिनकी एसेट अंडर मैनेजमेंट यानी एयूएम विदेशी बाजार में करेक्शन के कारण गिर गई थी. फिलहाल ईटीएफ के इतर ज्यादातर विदेशी फंड्स अभी नया निवेश ले रहे हैं. हालंकि तय लिमिट को देखते हुए उन्हें किसी भी समय अपनी रणनीति में बदलाव करना पड़ सकता है.
देश में 70 स्कीमें ऐसी
अभी देश में करीब 70 स्कीम ऐसी हैं जो विदेश में निवेश करती हैं. 4533 करोड़ रुपए के निवेश के साथ मोतीलाल ओसवाल नेस्डेक 100 FOF देश की सबसे बड़ी स्कीम है. इस स्कीम में फिलहाल सिप चालू है लेकिन लम्पसम या एक बार में बड़ा निवेश पर रोक लगी हुई है.
26 फरवरी को निप्पॉन इंडिया म्यूचुअल फंड ने चार स्कीमों में निवेश लेने पर रोक लगा दी थी. ये चार स्कीमें Nippon India US Equity Opportunities, Nippon India Japan Equity, Nippon India Taiwan Equity, and Nippon India ETF Hang Seng BeES हैं.