फिक्स्ड डिपॉजिट से बेहतर रिटर्न चाहिए लेकिन रिस्क नहीं लेना चाहते हैं? ऐसे में आप कंजर्वेटिव हाइब्रिड फंड्स (Conservative Hybrid Fund) की मदद ले सकते हैं. ये वो फंड्स हैं जो फिक्स्ड डिपॉजिट जैसे निवेश विकल्पों में तो पैसा लगाते ही हैं लेकिन साथ ही में कुछ एक्सपोजर शेयरों में भी रखते हैं. इससे फंड के रिटर्न बैंक FD से ज्यादा होते हैं.
उदाहरण के तौर पर देखें तो पिछले एक साल में इस कैटेगरी के बेस्ट परफॉर्मर्स ने 22 से 28 फीसदी तक का रिटर्न दिया है. इसके सापेक्ष में फिक्स्ड डिपॉजिट में लगातार ब्याज दरों में गिरावट देखने को मिल रही है.
ये वो फंड्स हैं जो हाइब्रिड कैटेगरी के हैं – यानी रिस्क-रिटर्न के बैलेंस के लिए इक्विटी और डेट का मिश्रण देते हैं लेकिन कंजर्वेटिव होने के नाते इनका रुझान डेट की ओर ज्यादा है.
इसी कैटेगरी में निवेश के लिए एक और नया फंड आ गया है. पराग पारिख एसेट मैनेजमेंट कंपनी कंजर्वेटिव हाइब्रिड कैटेगरी में NFO लाई है.
Conservative Hybrid Fund: पराग पारिख कंजर्वेटिव हाइब्रिड फंड का NFO 21 मई तक खुला हुआ है. इस फंड का ज्यादातर निवेश डेट और मनी मार्केट में लगाया जाएगा. मनी मार्केट निवेश विकल्पों में ट्रेजरी बिल, कमर्शियल पेपर्स, सर्टिफिकेट ऑफ डिपॉजिट्स शामिल होते हैं.
लंबी अवधि में बेहतर रिटर्न के लिए फंड का कुछ हिस्सा इक्विटी बाजार यानी शेयरों में भी जाएगा.
स्कीम में 75-90 फीसदी निवेश डेट कैटेगरी में होगा और 10-25 फीसदी शेयर बाजार में. फंड रियल एस्टेट से जुड़े निवेश REITs और InvITs में भी 10 फीसदी तक का निवेश रख सकता है. इक्विटी में सिर्फ उन्हीं शेयरों में निवेश होगा जहां सुरक्षा का मार्जिन ज्यादा है और डिविडेंड से कमाई भी अच्छी है.
स्कीम में NFO के दौरान कम से कम 5,000 रुपये का निवेश करना होगा. आपको बता दें कि NFO के बाद तय तारीख को निवेशकों को यूनिट अलॉट होती हैं. तभी फंड की NAV (नेट एसेट वैल्यू) तय की जाती है. उसके बाद फिर से निवेशक इसमें पैसा लगा सकते हैं.
पराग पारिख कंजर्वेटिव हाइब्रिड फंड में अलॉटमेंट के बाद 1 साल से पहले अगर स्कीम से 10 फीसदी ज्यादा निवेश निकाला तो उसपर 1 फीसदी का एक्जिट लोड लगेगा. एक्जिट लोड वो चार्ज है AMC आपसे न्यूनतम निवेश अवधि कायम ना रखने पर लेती है. हालांकि 1 साल बाद पैसा निकालने पर कोई एक्जिट लोड नहीं है.
Conservative Hybrid Fund: पिछले एक साल में इस कैटेगरी के फंड आदित्य बिड़ला सनलाइफ रेगुलर सेविंग्स फंड ने 28 फीसदी का रिटर्न दिया है. वहीं HDFC हाइब्रिड डेट फंड, SBI डेट हाइब्रिड फंड और कोटक डेट हाइब्रिड फंड ने 23 फीसदी से 25 फीसदी का रिटर्न दिया है.
वहीं फिक्स्ड डिपॉजिट ने पिछले एक साल में बमुश्किल 5-6 फीसदी के रिटर्न दिए हैं. मार्च में तो रिटेल महंगाई भी 5.5 फीसदी रही है. मतलब ये कि फिक्स्ड डिपॉजिट का रिटर्न महंगाई को मात देने में कामयाब नहीं होंगे.
3 साल की अवधि में इन फंड्स में 8 से 10 फीसदी तक के रिटर्न देखने को मिले हैं. इन कंजर्वेटिव हाइब्रिड फंड्स में है रिस्क और रिटर्न का बैलेंस.
Disclaimer: निवेश से पहले अपने फाइनेंशियल एडवाइजर से सलाह जरूर लें.
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