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Fixed Maturity Plans: फिक्स्ड मैच्योरिटी प्लान में आप एक लॉक-इन निवेश करते हैं. मतलब ये कि इस लॉक-इन के दौरान आप इस रकम को निकाल नहीं सकते.
Expense Ratio: फंड के रिटर्न से जो आपकी कमाई हो रही है उसमें से फंड हाउस मैनेजमेंट, एडमिनिस्ट्रेशन, डिस्ट्रिब्यूशन के खर्च आपसे वसूलता है
Hybrid Mutual Fund: इक्विटी के एक्सपोजर से बेहतर रिटर्न की संभावना और डेट से सुरक्षा. दोनों का मिक्स होने से इसमें जोखिम बैंलेस हो जाता है
रेगुलर प्लान में AMC ब्रोकर या डिस्ट्रिब्यूट का कमीशन MF के खर्च में जोड़कर निवेशक से वसूलती है. कमीनशन न होने से Direct Plan सस्ते होते हैं
Money Market Funds: सेविंग्स खाते में आपको महंगाई को मात देने वाले रिटर्न हासिल नहीं होगा. 1 साल तक के निवेश के लिए इनपर गौर कर सकते हैं.
अगर आप स्मोकिंग की लत को छोड़ देते हैं और इस पैसे को निवेश करते हैं तो लंबे वक्त में आप एक बड़ी पूंजी तैयार कर सकते हैं.
Nomination: नॉमिनी तय ना होने पर क्लेम की प्रक्रिया लंबी हो सकती है - यूनिट ट्रांसफर के लिए वसीयत, NOC जैसे कागजात दिखाने पड़ सकते हैं.
Mutual Fund: मिडकैप शेयर पिछले साल के मुकाबले निवेशकों के ज्यादा पसंदीदा रहे हैं. निफ्टी मिडकैप इंडेक्स ने 71.13 प्रतिशत का रिटर्न दिया है.
Franklin Templeton India के अध्यक्ष संजय सापरे ने निवेशकों को भेजे पत्र में जानकारी दी है कि कंपनी का भारतीय बाजार से निकलने का इरादा नहीं है
ETF कम खर्च पर निवेश करने का एक जरिया है. ETF के जरिए शेयरों के अलावा अन्य एसेट क्लास - जैसे डेट, कमोडिटी और गोल्ड में भी निवेश कर सकते हैं.