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Value Funds: इस कैटेगरी के अधिक्तर फंड्स का फाइनेंशियल, हेल्थकेयर और टेक्नोलॉजी शेयरों में निवेश ज्यादा है. इन्होंने 5 साल में 14-17% तक के रिटर्न दिए हैं.
एक्टिव इन्वेस्टिंग में खरीद-बिक्री से जुड़े फैसले जल्दी लिए जाते हैं, जबकि पैसिव निवेश में चुने गए स्टॉक्स को लंबे समय तक होल्ड किया जाता है.
Mutual Fund: आनंद राठी वेल्थ मैनेजमेंट के डिप्टी CEO फिरोज अजीज मानते हैं कि अब वो वक्त आ गया है कि आप जो भी रकम बचा रहे हैं उसे तुरंत निवेश में लगाइए.
Mutual Funds: फंड में निवेश कर भूल जाना समझदारी नहीं क्योंकि आप फिर तय नहीं कर पाएंगे कि आपका चुना फंड बाकियों से बेहतर है या नहीं
Retirement Mutual Funds: अक्सर रिटायरमेंट म्यूचुअल फंड्स के कई वेरिएंट आते हैं, इनमें इक्विटी और डेट दोनों ऐसेट क्लास में ऐलोकेशन के मुताबिक वेरिएंट तय होते हैं.
जैसे SIP के जरिए आप हर महीने एक निश्चित राशि निवेश करते है, वैसे ही स्टेप-अप SIP के जरिए आप निवेश की अमाउंट में निर्धारित समय के बाद इजाफा करते हैं.
ETF or Index Funds: लांग-टर्म निवेश के लिए दोनों अच्छे और सस्ते विकल्प हैं, लेकिन ये सुनश्चित करना होगा कि फायदा मिल रहा है या नहीं.
निफ्टी 50 में कंपनियों का वेटेज मार्केट-कैप के आधार पर होता है, वहीं इस Nifty 50 Equal Weight Index Fund में उनका वेटेज इक्वल है.
BSE के स्टार म्यूचुअल फंड प्लेटफॉर्म पर मई में 6.88 लाख नई SIP के जरिए 164.47 करोड़ रुपये का निवेश आया है. प्लेटफॉर्म ने मई 2021 में 1.14 करोड़ ट्रांजैक्शन कर रिकॉर्ड बनाया है.
यदि आप उतार-चढ़ाव के जोखिम से दूर रहना चाहते हैं तो सबसे उच्च रेटिंग वाले डेट फंड्स (Debt Fund) में निवेश को तरजीह दें.