कोविड के लॉकडाउन ने केवल घर से काम नहीं करवाया बल्कि घर बैठे कमाई कराना भी सिखाया. कह सकते हैं कि मरता क्या न करता. Fixed Deposit जैसे सुरक्षित निवेश के ब्याज दरों ने गोता लगाया और लोगों नें बेहतर रिटर्न के लिए इक्विटी बाज़ार का हाथ थामा. सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) के मुताबिक अप्रैल 2020-जनवरी 2021 में स्टॉक मार्केट में शेयर की खरीदीरी और बिक्री करने के लिए खोले जाने वाले डिमैट अकाउंट में दोगुने से ज्यादा का इजाफा दिखा है. केवल 10 महीने में 1 करोड़ (10.7 million) से ज्यादा डीमैट अकाउंट खोले गए.
बाजार की तरफ बढ़े कदम नए डीमैट खुलने के आंकड़ों पर नजर डालें तो वित्त वर्ष 2020 में 40 लाख 70 हजार (4.7 million) नए अकाउंट्स खुले थे और वित्त वर्ष 2019 में भी लगभग 40 लाख डीमैट अकाउंट जुड़े. जनवरी 2021 वो महीना रहा जब 1.7 मिलियन डीमैट अकाउंट खुले. ट्रेंड ये भी दिखा कि बड़े शहरों और महानगरों के बजाए वडोदरा, विशाखपटनम और कानपुर जैसे टियर-2 और टियर थ्री शहरों में लोग अब इक्विटी बाजार की तरफ कदम बढ़ा चुके हैं.
म्यूचुअल फंड में भी आया उछाल इन्वेस्टमेंट का यही ट्रेंड म्युचूअल फंड्स में भी नज़र आया. म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री के एसेट अंडर मैनेजमेंट साढ़े 4 गुना बढ़ी. जनवरी 2011 में 6.9 लाख करोड़ से ये जनवरी 2021 में 30.50 लाख करोड़ पर पहुंच गई. म्यूचुअल फंड फोलियो में भी बढ़ोतरी दिखी. मार्च 2011 में 4.3 करोड़ फोलियो की तादाद जनवरी 2021 में 9.52 करोड़ तक पहुंच गई. MF में हर महीने की SIP कंट्रीब्यूशन करने वालों की संख्या 2020 में 44 लाख थी तो वहीं जनवरी में ये 3.55 करोड़ पर पहुंची गई.
SBI म्युचूअल फंड्स के एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर डी पी सिंह के मुताबिक, ऑनलाइन घर बैठे आसान KYC के जरिए डीमैट खोलने की सुविधा ने WFH करने वालों को शेयर बाज़ार को ट्राय करने का मौका दिया. म्यूचुअल फंड्स के जरिए छोटे रकम से निवेश की फ्लेसिबिलटी ने लोगों को MF में एंट्री करना आसान बनाया. 100 रुपए के माइक्रो सिप ने हर किसी के लिए इक्विटी की पहुंच बना दी है. बुरा समय हमेशा सीख देकर जाता है और कोविड के कठिन समय ने भारतीय निवेशक को अपने निवेश को काम पर लगाना सिखा दिया.
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