जितना कमाया उतना खर्च कर दिया तो भविष्य के बड़े सपने अधूरे रह सकते हैं. थोड़ा-थोड़ा पैसा ही कभी गाड़ी दिला सकता है तो कभी यही थोड़ा थोड़ा एक घर का सपना पूरा कर सकता है. जरूरी है सही इन्वेस्टमेंट प्रोडक्ट में पैसा डालना और इसमें रिटर्न और सहूलियत के पैमाने पर म्यूचुअल फंड्स (Mutual Funds) को मात देना मुश्किल है. म्यूचुअल फंड्स नए निवेशकों के लिए एक्सपर्टस की पहली पसंद के तौर पर उभर कर आए हैं.
अगर आप पहला इन्वेस्टमेंट करने के लिए म्यूचुअल फंड्स (Mutual Funds) चुन रहे हैं तो किन बारीकियों पर गौर करना है, किन गलतियों से बचना है, सेव नहीं इन्वेस्ट कर (Save Nahi, Index Kar) में इडलवाइज एसेट मैनेजमेंट के (Edelweiss Asset Management) के सेल्स हेड दीपक जैन से खास चर्चा. यहां देखें पूरा एपिसोड:
नए निवेशक के लिए म्यूचुअल फंड कितना फायदेमंद?
जैसे ट्रैवल के वक्त अगर मंजिल पता हो तो सफर आसान होता है वैसे ही अगर लक्ष्य तय करके शुरुआत की जाए तो इन्वेस्टमेंट उतना ही आसान होता है. म्यूचुअल फंड (Mutual Funds) के जरिए कई तरह के एसेट क्लास में निवेश कर सकते हैं चाहे डेट हो या इक्विटी. नए निवेशकों के लिए SIP के जरिए शुरुआत करना सही होता है.
SIP बनाम एकमुश्त निवेश?
दोनों विकल्प के अपने-अपने इस्तेमाल हैं. अगर हर महीने की इनकम से इन्वेस्ट करना चाहते हैं तो SIP करें. वहीं बोनस या किसी प्रॉपर्टी से बड़ी रकम हासिल हो तो उसे एकमुश्त निवेश कर सकते हैं. एकमुश्त रकम को इक्विटी और डेट के मिश्रण वाले फंड्स – बैलेंस्ड एडवांटेज फंड चुन सकते हैं.
सही म्यूचुअल फंड कैसे चुनें?
समय के आधार पर फंड चुनना चाहिए. अगर 2 महीने के लिए निवेश करना है तो लिक्विड फंड चुन सकते हैं. ज्यादा रिटर्न चाहिए तो इक्विटी और थीमैटिक फंड के विकल्प हैं. SEBI ने सभी के लिए कैटेगरी तय की है. फंड चुनते वक्त फंड मैनेजर और AMC का ट्रैक रिकॉर्ड जरूर देखें. हालांकि सिर्फ फंड (Mutual Funds) के पिछले रिटर्न के आधार पर फैसला ना लें.