म्यूचुअल फंड निवेशकों के लिए जरूरी खबर है. दरअसल भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) के नियम के तहत मौजूदा निवेशकों को 30 सितंबर से पहले नॉमिनी की डिटेल अपडेट करानी होगी. ऐसा न करने पर उनका पोर्टफोलियो डेबिट के लिए फ्रीज कर दिया जाएगा. सेबी ने यह निर्णय बाजार सहभागियों से प्राप्त रिप्रेजेंटेशन के आधार पर लिया है.
सेबी ने इस सिलसिले में 28 मार्च, 2023 को एक सर्कुलर जारी किया था. जिसमें 31 मार्च, 2023 तक नॉमिनी के बारे में जानकारी दिए जाने की बात कही थी. हालांकि अब इसकी तारीख 30 सितंबर, 2023 कर दी गई है. इस निर्धारित अवधि तक मौजूदा निवेशकों को नॉमिनी की जानकारी साझा करनी होगी. जिन्होंने अभी तक नॉमिनी नहीं बनाया है उन्हें नई प्रक्रिया को अपनाना पड़ेगा.
नॉमिनेशन से बाहर निकलने का विकल्प जो लोग नॉमिनेशन जमा नहीं करना चाहते हैं वे म्यूचुअल फंड में इकाइयों को फ्रीज होने से बचाने के लिए ऑप्ट-आउट घोषणा का विकल्प चुन सकते हैं. जिन्होंने अभी तक अपनी नामांकन जानकारी जमा नहीं की है, वे स्टॉक ब्रोकरों या डिपॉजिटरी के जरिए ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म पर जाकर ऐसा कर सकते हैं.
ज्वाइंट खाता होने पर क्या करें? यदि एक से अधिक व्यक्ति म्यूचुअल फंड में ज्वाइंट स्वामित्व रखते हैं, तो सभी संयुक्त इकाई धारकों को एक साथ मिलकर एक ऐसे व्यक्ति को नॉमिनी बनाना होगा जो सभी संयुक्त इकाई धारकों के निधन पर उसके अकाउंट को संभाल सकें. एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड इंडिया (एम्फी इंडिया) की वेबसाइट के अनुसार सीएएम और केफिनटेक ने गैर-डीमैट फोलियो वाले सभी व्यक्तिगत निवेशकों के लिए नामांकन विवरण ऑनलाइन अपडेट करने की सुविधा दे रखी है.
क्यों जरूरी है नॉमिनी? एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया के अनुसार नॉमिनेशना एक ऐसी सुविधा है जो किसी व्यक्ति को एक व्यक्ति को नॉमिनी बनाने में मदद करती है. ऐसा करने से यूनिटधारक की मृत्यु की स्थिति में उसकी इकाइयों या आय का दावा कर सकता है.
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