Mutual Fund: म्यूचुअल फंड हर तरह के निवेशक के लिए विकल्प देता है – रिस्क कम लेना हो या ज्यादा, एक बार में बड़ी रकम लगानी हो या हर महीने किस्तों में निवेश करना है या फिर 3 महीने के लिए इन्वेस्ट करना हो या 15 साल से भी ज्यादा के लिए. हर तर के इन्वेस्टर प्रोफाइल के मुताबिक निवेश विकल्प म्यूचुअल फंड में हैं. आज हम आपको बताने वाले हैं उन इक्विटी फंड्स के बारे में जो अभी नए ऑफर हैं और इनकी NAV अभी तय होगी. इक्विटी फंड्स में लंबी अवधि में बेहतरीन कमाई कराई है. अगर आप हर महीने 5000 रुपये की SIP करते हैं तो 15 फीसदी के सालाना कंपाउंड रिटर्न (CAGR) के आधार पर आप 10 साल में 13.93 लाख रुपये निवेश कर पाएंगे. आपने निवेश किया 6 लाख लेकिन उसकी वैल्यू हो गई तकरीबन 14 लाख.
न्यू फंड ऑफर तब कहा जाता है जब कोई फंड हाउस नई स्कीम लॉन्च करता है और निवेशकों से पैसे जुटाकर तय कैटेगरी के शेयर या निवेश विकल्प खरीदता है. NFO की कैटेगरी इक्विटी या डेट हो सकती है जिसके आधार पर वे शेयरों, सरकारी बॉन्ड, गिल्ट, कमर्शियल पेपर्स में निवेश करेंगे. NFO की तय तारीख के बाद ही फंड की नेट एसेट वैल्यू (NAV) आती है. NFO के वक्त निवेशकों को ऑफर प्राइस (जो अक्सर 10 रुपये प्रति यूनिट होता है) पर निवेश का मौका होता है ठीक वैसे जैसे IPO में. NFO के बाद निवेशक तय NAV पर ही निवेश कर सकते हैं.
अब आपको बताते हैं कि फिलहाल किन NFOs में निवेश का मौका है.
Mutual Fund: मल्टीकैप कैटेगरी नई नहीं है, बाजार में पहले से कई विकल्प हैं लेकिन SEBI के अलग-अलग मार्केट कैप वाली कंपनियों में निवेश सीमा नियम के बाद उनमें से कई फ्लेक्सिकैप में स्विच हो गए हैं. आदित्य बिड़ला सनलाइफ मल्टीकैप फंड (Aditya Birla Sun Life Multi-Cap Fund) का NFO 3 मई को बंद होगा. इसमें 500 रुपये के निवेश से शुरुआत कर सकते हैं. ये स्कीम 24-45 फीसदी निवेश लार्जकैप कंपनियों में करेगी तो वहीं 25 से 35 फीसदी निवेश मिड और स्मॉलकैप कंपनियों में. मार्केटकैप बताता है कि कंपनी कितनी बड़ी है. मार्केट कैप के लिहाज से टॉप 100 कंपनियां लार्जकैप कहलाती हैं. ये स्कीम लंबी अवधि के निवेशकों के लिए है.
जैसा कि नाम में ही है – फोकस्ड, वैसे ही ये स्कीम सिर्फ चुनिंदा शेयरों में निवेश करेगी. स्कीम अलग-अलग मार्केट कैप से सिर्फ 30 कंपनियों में ही निवेश करेगी. क्योंकि ये भी इक्विटी फंड है लिहाजा निवेशकों को लंबी अवधि में कमाई का मौका है. कैनरा रोबेको फोकस्ड इक्विटी फंड (Canara Robeco Focused Equity Fund) का NFO 7 मई को बंद होगा. हालांकि इस स्कीम में निवेश के लिए शुरुआत में कम से कम 5,000 रुपये डालने होंगे. वहीं अलॉटमेंट के एक साल पूरे होने से पहले इसमें से पैसे निकालने या स्विच करने पर 1 फीसदी का एक्जिट लोड लगेगा.
फंड ऑफ फंड्स की निवेश स्ट्रैटेजी अलग होती है. ये फंड्स (Mutual Fund) निवेशकों से पैसे बटोरकर एक किसी अन्य फंड में निवेश करते हैं. अक्सर अंतरराष्ट्रीय बाजार में निवेश के लिए कई फंड्स ये रास्ता अपनाते हैं. वही HDFC एसेट एलोकेटर फंड ऑफ फंड्स इक्विटी, डेट और गोल्ड ETF स्कीमों में निवेश करेगा. ये NFO 30 अप्रैल तक खुला है. ये फंड 40-80 फीसदी निवेश इक्विटी फंड्स में करेगा तो वहीं 10 से 50 फीसदी निवेश डेट स्कीमों में और 10-30 फीसदी निवेश गोल्ड ETF में करेगा. NFO के वक्त कम से कम 5000 रुपये का निवेश करना होगा हालांकि उसके बाद 1000 रुपये का निवेश कर सकेंगे.
भारतीय बाजार में उतार-चढ़ाव महामारी की स्थिति की वजह से ज्यादा है और अनिश्चितता भी. ऐसे में अगर आप अमेरिकी बाजार में निवेश करने का मौका ढूंढ़ रहे हैं तो ये फंड आपकी मदद करेगा. मिराए एसेट का ये NFO (Mirae Asset NYSE FANG+ ETF) 30 अप्रैल तक खुला है उसके बाद 7 मई से आप इसमें निवेश कर सकेंगे. NYSE FANG+ इंडेक्स में 10 शेयर शामिल हैं – अलीबाबा, फेसबुक, अल्फाबेट (गूगल), ऐपल, बाइदु, अमेजॉन, नेटफ्लिक्स, ट्विटर, टेस्ला जैसे टेक्नोलॉजी शेयर हैं.
ध्यान रहे कि इक्विटी फंड में डेट के मुकाबले जोखिम ज्यादा होता है और निवेशकों को अपने जोखिम क्षमता के हिसाब से ही निवेश करना चाहिए.
Disclaimer: निवेश से पहले अपने एडवाइजर से सलाह जरूर लें.
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