दिग्गज फंड मैनेजर और Kotak Mahindra AMC के मैनेजिंग डायरेक्टर नीलेश शाह का मानना है कि म्यूचुअल फंड में किए गए निवेश में संयम रखना सबसे ज्यादा जरूरी है और संयम के जरिए ही इस निवेश से बेहतर रिटर्न मिल सकता है. Money9 के संपादक अंशुमान तिवारी को दिए एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में नीलेश शाह ने कहा कि म्यूचुअल फंड निवेश सब्र के फल जैसा है जो हमेशा मीठा होता है और पैसे से पैसा बनाने के लिए धैर्य चाहिए. उन्होंने बताया कि निवेशक अगर म्यूचुअल फंड SIP में समय देंगे तो उन्हें उम्मीद के अनुरूप रिटर्न मिलेंगे.
नीलेश शाह ने Money9 को बताया कि सेबी के नियमों के तहत उन्हें अपने वेतन का 20 फीसद हिस्सा म्यूचुअल फंड में निवेश करना जरूरी है और वे अपनी सभी म्यूचुअल फंड स्कीम में निवेश करते हैं. उन्होंने बताया कि वे उनके वेतन का 10 फीसद निवेश प्रॉविडेंट फंड और 10 फीसद न्यू पेंशन स्कीम में जाता है.
नीलेश शाह ने बताया कि मौजूदा समय में भारतीय बाजार में निवेश के लिए माहौल पूरी दुनिया में सबसे बेहतर नजर आ रहा है. उन्होंने बताया कि उभरती अर्थव्यवस्थाओं में भारत की प्रतिद्वंदी अर्थव्यवस्थाएं निवेशकों के लिए आकर्षक नहीं बची हैं, रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से रूस से निवेश बाहर हो रहा है, चीन-ताईवान तनाव की वजह से दोनों देशों से निवेश निकल रहा है और ब्राजील में सरकार के बदलने की वजह से निवेश का माहौल आकर्षक नहीं लग रहा. ऐसे में दुनियाभर के निवेशकों के लिए भारत पसंदीदा विकल्प बन रहा है.
Money9 को दिए एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में नीलेश शाह ने बताया कि भारत में निवेश के लिए टैलेंट, कैपिटल और इंफ्रास्ट्रक्चर का बेहतर तालमेल है. भारत में म्यूचुअल फंड उद्योग के लिए 2013 तक जितना इंफ्रास्ट्रक्चर था, लगभग उतना ही इंफ्रास्ट्रक्चर 2024 तक तैयार होने जा रहा है.
नीलेश शाह का मानना है कि आने वाले वर्षों में देश में म्यूचुअल फंड के निवेशकों की संख्या बढ़ सकती है. उन्होंने बताया कि भारत में करीब 18 करोड़ निवेशक क्रिप्टो में घाटा उठा चुके हैं, करीब 10 करोड़ निवेशक ऑनलाइन गेम्स में नुकसान उठा चुके हैं और करोड़ों लोग जल्दी अमीर बनने के लालच में लॉटरी पर पैसा गंवाते हैं. उन्होंने बताया कि बीते 3 साल के दौरान भारत में म्यूचुअल फंड निवेशकों की संख्या दोगुना होकर 4 करोड़ तक पहुंची है. उन्होंने बताया कि निवेशकों की संख्या बढ़ने के बावजूद म्यूचुअल फंड उद्योग उम्मीद के मुताबिक कामयाब नहीं है और लोगों को निवेश के लिए प्रोत्साहित करने के लिए डिस्ट्रिब्यूशन को मजबूत बनाना होगा.
नीलेश शाह ने बताया कि निवेश को लेकर मौके और जोखिम हमेशा बने रहेंगे, जरूरत निवेश का सही विकल्प चुनने की है. उन्होंने बताया कि बाजार में निवेश समंदर में नाव छोड़ने जैसा है, समंदर में लहरें उठने पर नैया डावांडोल होती रहेगी उससे घबराने की जरूरत नहीं है, जरूरत ऐसी नैया का चुनाव करने की है जिसमें छेद न हो.
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